गाज़ा का शहरी सहयोनी जेल से 22 साल के बाद अचानक रिहा

इसराईली ओहदेदारों (Occupation authorities) ने फ़लस्तीनी शहर गाज़ा की पट्टी से ताल्लुक़ रखने वाले एक क़ैदी सुहेल सईद अल जदीली (prisoner Suhail Saeed al-jadily) को अचानक रिहा कर दिया, जिस के बाद वो गाज़ा के वस्त में अल बरीज मुहाजिर कैंप (Bureij refugee camp in the central Gaza Strip) में अपने घर पहुंच गया।

सुहेल सईद ने 22 साल तक इसराईली जेल में क़ैद काटी और सहयोनी दरिंदों के मज़ालिम ( जुल्म) बर्दाश्त किए। सुहेल को क़ाबिज़ फ़ौज ने 26 सितंबर 1990 को बुरैज़ कैंप (Bureij camp) से हिरासत में लिया था। इस वक़्त उस की उम्र 17 साल थी। सुहेल पर इल्ज़ाम आइद किया गया कि वो यहूदी फ़ौजी आ मनून के क़त्ल में कई दीगर ( अन्य) फ़लस्तीनीयों के साथ मुलव्वस ( मिला हुआ) है।

इस यहूदी फ़ौजी को पहली तहरीक ( आंदोल) इंतिफ़ादा (first Intifada) के दौरान क़त्ल कर दिया गया था। सुहेल को इसराईल की एक फ़ौजी अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे यहूदी फ़ौजी के क़त्ल में मुलव्वस होने पर कई मर्तबा उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी।

इस के बाद उसे मुसलसल एक से दूसरी जेल में मुंतक़िल किया ( भेजा) जाता और तशद्दुद ( जुल्म) का निशाना बनाया जाता रहा है।
रिहाई की इत्तिला मिलते ही फ़लस्तीनीयों की बड़ी तादाद मग़रिबी किनारे और गाज़ा की पट्टी के दरमयान अरीज़ गुज़रगाह पर (Beit Hanoun crossing “Erez” in the northern Gaza Strip) इस के इस्तिक़बाल ( स्वागत) के लिए जमा हो गई थी। सुहेल की अचानक रिहाई पर अहल-ए-ख़ाना में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है।