गुजरात इलेक्शन: मतदान में नया रिकार्ड

अहमदाबाद, 13 दिसंबर: गुजरात विधानसभा के पहले मरहले के इलेक्शन ने सयासी तजज़ियाकारो को चौंका दिया। सौराष्ट्र, जुनूबी गुजरात और आसपास की 87 नशिस्तों पर करीब 68 फीसद वोटिंग हुई। साल 2007 में इन्हीं नशिस्तों पर करीब 59 फीसद रायदही (मतदान/ वोटिंग) हुई थी। इस रिकार्ड ने सत्ता पक्ष और अपोजिशन (विपक्ष) दोनों की धड़कन को बढ़ा दी है।

त्रिकोणीय मुकाबला होने के वजह हर सयासी पार्टी अपने हक में वोटिंग बता रहे है। वज़ीर ए आला नरेंद्र मोदी का कहना है कि ज़्यादा वोटिंग बता रही है कि भाजपा को अक्सरियत मिल रही है। सयासी तज्जियाकार (विश्लेषक ) भी इस बारे में सही-सही अंदाज़ा नहीं लगा पा रहे हैं।

गुजरात के चुनावी तारीख को देखते हुए एक समूह मान रहा है कि ज़्यादा वोटिंग से भाजपा को फायदा होता है और पहले मरहले की वोटिंग (मतदान) वज़ीर ए आला मोदी के हक में है। कुछ का कहना है कि एंटी इंकम्बेंसी के वजह से भी ज़्यादा वोटिंग हो सकती है जो भाजपा के खिलाफ जा सकता है, क्योंकि सत्तारूढ़ दल ने ज्यादातर मौजूदा अरकान असेबली को ही टिकट दिए हैं।

खासकर सौराष्ट्र में त्रिकोणीय मुकाबले के वजह से भी आवाम का रुख खुलकर सामने नहीं आ पा रहा है। सौराष्ट्र में पटेल क्म्यूनिटी ( फिर्के) का असरात होने के वजह से तीनों पार्टियों ने करीब सौ उम्मीदवार इसी फिर्के ( पटेल) के खड़े किए।

पहले मरहले के इलेक्शन में 846 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला ईवीएम मशीनों में बंद हो चुका है। इस मरहले में बीजेपी के 87, कांग्रेस के 84 और जीपीपी के 83 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई। साथ ही 383 निर्दलीय उम्मीदवार इलेक्शन मैदान में ताल ठोक रहे हैं। कुल 26 सयासी पार्टियां मैदान में हैं।

इन नशिस्तो (सीटों) में भाजपा ने दर्जन भर मंत्रियों सहित 40 मौजूदा अरकान असेंबली को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने पहले मरहले में अपने 16 मौजूदा अरकान असेंबली (विधायकों) और तीन सांसदों को इंतिखाबी मैदान में उतारा है। जीपीपी चीफ केशुभाई पटेल ने वीसावदर सीट से अपनी दावेदारी पेश की है।