अहमदाबाद: गुजरात के सूरत में तीन तलाक के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. सूरत के लाजपुर गांव में रहने वाला अब्दुल गनी शेख ने अपनी पत्नी महरूननिशां को दो दिन पहले तीन तलाक दे दिया था, लेकिन दूसरे ही दिन उसने अपनी पत्नी के साथ रहने का फैसला कर लिया, और समझौता करते हुए पत्नी को अपना लिया. अब्दुल गनी द्वारा तीन तलाक देने के बाद हलाला किये बगैर पत्नी को अपनाने के फैसले से एक नई बहस छिड़ गई है.
प्रदेश 18 के हवाले से, इस्लामी शरीयत के अनुसार अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति अपनी पत्नी को तीन तलाक दे देता है, तो वह उसके लिए हराम हो जाती है. हालांकि तलाक के बाद अगर उस व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास हो जाता है, और वह अपनी पत्नी को अपनाना चाहता है, तो ऐसी स्थिति में हलाला जरूरी होता है. लेकिन सूरत में तो मामला कुछ और ही सामने आया है.
अब्दुल गनी नामक व्यक्ति ने जिस मेहरूननिशां को दो दिन पहले तीन तलाक दे दिया था. उसे अब हलाला के बिना फिर से अपनाने का फैसला किया है. इस सिलसिले में सूरत के एक वकील जावेद हुसैन अब्दुलमुल्तानी का कहना है कि एक बार तीन तलाक दे दिया तो, अब पत्नी के साथ नहीं रह सकते. अगर पति पत्नी फिर से एक साथ रहना चाहता है तो हलाला जरुरी होगा.
मौलवी इरशाद खान का कहना है कि ऐसे में हलाला होना जरुरी है. जब हलाला के बाद दुसरे पति तलाक दे दे, तब पहले पति से दुबारा निकाह हो सकता है. अन्यथा उस पर कानूनी व शरई कार्रवाई भी की जा सकती है.