अहमदाबाद: गुजरात में दशहरे के मौके पर करीब 150 दलितों ने बौद्ध धर्म अपना लिया। गुजरात बुद्धिस्ट एकैडमी और दूसरे धार्मिक संगठनों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में 70 से भी ज्यादा लोगों ने बौद्ध धर्म को अपनाया। गौरतलब है कि बीते दिनों गुजरात के ऊना में हुए दलितों के पिटाई का मामले की आग अभी भी ठंडी नहीं हुई है।
बौद्ध धर्म अपनाने के रीति-रिवाजों को शुरू करने से पहले देश भर में दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार और भेद-भाव के मुद्दे पर चर्चा की गई। लोगों से ऐसा करने के पीछे की वजह पूछे जाने पर ज्यादातर लोगों ने यही बताया कि नए धर्म को अपनाने के पीछे उनका कारण ये है कि उनके साथ हो रहे भेदभाव की वजह से उनका अपने धर्म से लगाव खत्म हो गया था।
नए धर्म में जाने से पहले अखिल भारतीय बौद्ध महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव भंत प्रज्ञनाशिप महाथेरो ने इन लोगों से बहुत बार पूछा कि उन्हें अपना धर्म परिवर्तन करने के लिए किसी तरह का लालच तो नहीं दिया जा रहा।
इस बात की तस्सली हो जाने के बाद ही इन्हें नए धर्म में दीक्षा दी गई। इसके इलावा अहमदाबाद के अलावा मेहसाना के कलोल में हुए एक कार्यक्रम में 61 लोगों ने अपना धर्म परिवर्तित किया तो वहीं सुरेंद्रनगर में 11 लोगों ने बुद्ध के 5 आदर्शों पर चलने की प्रतिज्ञा ली।