अहमदाबाद: एक ही घाट पर शेर और बकरी को पानी पिलाने की बात कहने वाले पीएम मोदी की यह कथन अब खोखली साबित होने जा रही है. दरअसल गुजरात के संतालपुर तालुका के पार गांव में सवर्णों ने लगातार दलितों पर कहर ढा रहा है जिससे दलित मजबूर होकर गाँव छोड़ रहे है.
नेशनल दस्तक के मुताबिक, दलित कार्यकर्ता ने बताया कि उन कांड के बाद जब से दलितों ने मरे हुए जानवरों को उठाने से मन कर दिया है, तब से यानि लगभग 6 महीने से अपरकास्ट के लोगों ने दलितों पर कहर बरपा रहे हैं और उनका बहिष्कार भी करते है.
बता दें कि पार गांव के दलितों के पलायन की ये दूसरी घटना है. जिसमे रानदेज गांव के अपरकास्ट के लोगों ने दलितों को मंदिर में सेरेमनी के दौरान अलग बैठने के लिए कहा था. इतना ही नहीं आयोजनकर्ताओं ने भी दलितों को भोजन देने से इंकार कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि बता दें कि यह घटना ऐसी जगह की है जहां के बारे में आप सोच भी नहीं सकते, क्योंकि बड़ी बड़ी बात करने मोदी के ही घर में ऐसा तो कैसे यकीन होगा, इससे यह साफ पता चलता है कि पीएम सिर्फ डींगे हांकते हैं और काम कुछ नहीं.