गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी को ले कर चुनाव आयोग ने दी सफ़ाई

गुजरात चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी पर जो चुनाव आयोग ने दलील दी कि राज्य में बाढ़ की राहत के काम की वजह से ऐलान देर से हुआ. जब इसकी पड़ताल एनडीटीवी ने की तो सच सामने आया, जो चौंकाने वाला है. ज्यादातर जिलों के अधिकारियों ने बताया कि अगर बाढ़ आई भी थी तो वहां पर राहत का काम बहुत पहले पूरा कर लिया गया है. कुछ जिलों में तो बाढ़ आने की बात भी नहीं है, सिर्फ भारी बारिश होने की बात सामने आ रही है.

गुजरात में चुनावी तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गुजरात में 182 सीटों पर चुनाव होना है. 4 करोड़ 33 लाख मतदाता वहां मतदान करेंगे. 50, 128 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. मतदान से 7 दिन पहले मतदाता के घर वोटिंग स्लिप पहुंचाई जाएगी. चुनाव में VVPAT का इस्तेमाल होगा. अभी से ही गुजरात में आचार संहिता लागू कर दी जाएगी.

गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 23 जनवरी को खत्म हो रहा है. इससे पहले जब चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, तब ये सवाल उठे थे कि गुजरात चुनाव की तारीखें क्यों नहीं बताई गईं. बाद में चुनाव आयोग ने कहा कि गुजरात के कुछ इलाकों में बाढ़ के बाद राहत का काम चल रहा है. इस काम में लगे लोगों की चुनाव में ड्यूटी लगा दी जाएगी तो राहत का काम प्रभावित होगा. 2012 में हिमाचल और गुजरात के चुनाव का ऐलान एक साथ किया गया था.