गुजरात विधानसभा चुनाव में हार्दिक पटेल की क्या होगी भूमिका?

गुजरात: गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीख क़रीब आ रही है| इसके साथ चुनावी मौसम में सरगर्मियां तेज़ हो गयीं हैं| इस बार गुजरात विधानसभा में पाटीदार समुदाय का अहम् रोल माना जा रहा है| पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल के ऊपर पूरे समुदाय का भार है| हार्दिक पटेल इस वक़्त पाटीदारों को अपने आन्दोलन के दिनों की याद दिला रहे हैं| जो बीजेपी प्रशासन के द्वारा प्रताड़ित किये गए थे| उनका कहना है की हमें उस आन्दोलन को नहीं भूलना चाहिए जिसमे हमारे ऊपर पुलिस द्वारा अत्याचार किया गया था| हार्दिक पटेल अपने इस सफ़र की शुरुआत गुजरात के विसनगर में 6 जुलाई 2015 में एक रैली को संबोधित करते हुए की थी| उसके बाद वह सबसे ज़्यादा चर्चा में पाटीदार आन्दोलन से आये| हार्दिक ने पाटीदार को आरक्षण दिलाने के लिए एक आन्दोलन का नेतृत्व किया था| वह अहमदाबाद के एक महाविद्यालय के छात्र संघ के महासचिव के पद पर निर्वाचित हुए थे|

25 अगस्त 2015 को हुए पाटीदार में हार्दिक पटेल ने अपनी लोकप्रियता के लिए तथा इस आन्दोलन को बड़ा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था| वह काफी हद तक इसमें कामयाब भी हुए| उस आन्दोलन में लगभग 8 लाख लोग शामिल हुए थे| यह आन्दोलन पाटीदार के आरक्षण को लेकर था जिसके बाद हार्दिक पटेल एक ब्रांड के रूप में सबके सामने उभर कर आये| आज गुजरात विधानसभा चुनाव में सारी पार्टियों की नज़र हार्दिक पटेल पर हैं| पाटीदारों के क्षेत्र में हार्दिक का वर्चस्व है| इन इलाकों में बीजेपी को हराया जा रहा है| पाटीदार का चुनावी मतों में लगभग 9 प्रतिशत की हिस्सेदारी है|

हालाँकि इस समय हार्दिक पटेल का कांग्रेस की तरफ झुकाव माना जा रहा है| वेसे चाहिए भी अब हार्दिक को राजनीति में एक अच्छा स्थान बनाने की ज़रूरत है| इसलिए वह कांग्रेस राजनेताओं से मुलाकात कर रहे हैं| जिससे वह पाटीदार आरक्षण पर बात कर सके अपनी मांगों को उनके सामने रख सकें| हार्दिक सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके पाटीदार समुदाय के युवाओं को प्रतिबद्ध कर रहे हैं। पीएएस के सामाजिक मीडिया समूह ने सक्रिय रूप से भाजपा के विरोध में एक नया अभियान जारी करना शुरू कर दिया है जिसमें आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना के इस्तेमाल के अनुयायियों को याद दिलाया गया था।

प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठी-चार्ज की तस्वीरें और महिलाओं पर क्रूर बल का इस्तेमाल नियमित रूप से प्रदर्शित किया जाता है।हरदिक इस समय अपने चुनावी भाषण में आन्दोलन के समय हुए अत्याचार को बार बार दोहरा रहे हैं| उन्होंने कहा कि कैसे बीजेपी के मालिकों के निर्देशों पर पुलिस द्वारा उन्हें मारा गया था| इसलिए हमें इन चीजों को नहीं भूलना चाहिए| हार्दिक बार-बार अपनी सार्वजनिक बैठकों में कहते हैं कि कैसे पाटीदार की दुर्दशा पर सरकार को चेतावनी दी गई कि कैसे पाटीदार युवाओं पर बार-बार पुलिस ने लाठी का आरोप लगाया, उन्होंने कहा इसे कभी भी मत भूलो। हालाँकि इस बार हार्दिक भी अपनी चतुराई से पक्ष विपक्ष का इस्तेमाल कर रहे हैं| अभी हल ही में उन्होंने कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल से बात की है|

उन्होंने अपनी शर्तों के लिए कांग्रेस नेताओं से मिल रहे हैं| वरुण का कहना है कि हार्दिक के इस व्यव्हार से पाटीदार समुदाय के भीतर सवाल उठ सकते हैं| उनका मानना है कि बीजेपी के साथ हुआ पैसों का मामला एक सोची समझी चाल थी| जिस वजह से यह अन्दुरुनी कलह साबित हो सकती है| हाल ही में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से भाजपा के विराममम के उम्मीदवार डा तेजीश्री पटेल का मानना ​​है कि अगर हार्दिक यहाँ से चुनाव लड़ते हैं तो इनकी हार तय है| हाँ उन्होंने कम समय में एक अच्छी पहचान ज़रूर बनायीं है और इतनी कम उम्र में अपना नाम कमाया है| लेकिन उनका चुनाव लड़ना और उसमे क्या होता है यह वक़्त बताएगा|