गुजरात: २०१६ जून में सेमेस्टर प्रणाली को ख़तम करने के बाद गुजरात शिक्षा विभाग ने मेडिकल मे दाखिला लेने की इच्छा रखने वाले सभी छात्र जिन्होंने सफलतापूर्वक २०१६ मार्च की बारहवीं कक्षा की परीक्षा पास की है उन्हें इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लेने का अवसर प्रदान किया है।
अनुमान यह है की शिक्षा विभाग ने ५०,००० मेडिकल के छात्रों को आग्रह किया है की वे इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम मे खाली पड़ी सीटों मे दाखिला ले सकते हैं परंतु अब तक उन्हें कोई भी सकारकमक प्रतिक्रियाएं नहीं मिली हैं ।
राज्य सरकार इस निर्णय को लेने पर मजबूर इसलिए हुई क्योंकि निजी इंजिनीररिंग कॉलेजो में पिछले कुछ सालों से काफी सीटें खली पड़ी हैं जिनके कारण उन्हें भारी नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है ।
यद्यपि सरकार के काफी प्रयासों के बावजूद, ५०००० मेडिकल के छात्र जिन्होंने गणित की परीक्षा पास की थी उनमे से केवल २९० ने खुद को परीक्षा के लिए नामांकित किया ।
२९० नामांकित छात्रों मे से केवल १८७ ने परीक्षा दी
सबसे शर्मनाक बात यह है की उनमे से केवल १९ छात्र परीक्षा मे पास हुए
कुछ छात्रों ने दावा किया कि दो साल के गणित के पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए उनके पास पर्याप्त समय नहीं था
यह योजना बच्चो के लाभ के लिए है क्योंकि हम सभी जानते हैं की मेडिकल के बच्चो के पास ज़्यादा विकल्प नहीं बचते अगर वे मेडिकल की परीक्षा पास न कर पाए। बोर्ड आज तक इस तरीके के परिणामो का कारण नहीं जान पाया है। हमारे पास यह जानकारी नहीं है की कितने बच्चे इंजिनीररिंग की परीक्षा मे बैठे और कितने पास हुए,” यह कहना था जीइसएचइसइबी के उप निदेशक ‘आर आर ठक्कर’ का जब उनसे इन शर्मनाक परिणामो के बारे में पूछा गया ।