गुजरात हाई कोर्ट ने जेल अफ़सरों से पूछा, बताओ कि बाबू बजरंगी जेल में कैसे रहता है

अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने साबरमती सेन्ट्रल जेल के सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिया है कि वह पूर्व बजरंग दल नेता बाबू बजरंगी कैसे जेल में जीवन बिता रहे हैं इस पर एक रिपोर्ट पेश करें। न्यायमूर्ति हर्ष दीवानी और ए एस सोफिया डिविजन बेंच ने बजरंगी की जमानत की सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया।

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सियासत की खबरों के अनुसार अदालत ने सोमवार को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वर्ष 2002 को घटी नरोदा पाटया नरसंहार मामले में मौत तक उम्रकैद की सुनाई गई सजा का दोषी बजरंगी जेल में किस तरह जिंदगी गुजार रहा है इस पर रिपोर्ट पेश की जाए।

आपको बता दूँ कि बजरंगी आंखों से कम दिखायी देने और एक कान से बहरा हो जाने का हवाला देते हुए अदालत से लगातार ज़मानत का आवेदन दे रहा है। इसके उत्तर में अदालत ने जेल सुपरिंटेंडेंट से पूछा कि अगर बजरंगी अंधा और बहरा हो गया है तो उसकी देखभाल कौन कर रहा है और वह कैसे हर रोज काम कर पा रहा है।

अपने दावे की समर्थन के लिए बजरंगी ने अदालत में सरकारी अस्पताल का एक मेडिकल रिपोर्ट भी अदालत में पेश किया है. साल 2012 में उसे सुनाई गई सजा के बाद से बजरंगी अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर कई बार जमानत पाने में सफल रहा है।

उल्लेखनीय है कि एक विशेष अदालत ने वर्ष 2012 में हुए नरोदा पाटिया नरसंहार जिसमें 97 लोगों की हत्या की गई थी मामले में बजरंगी को मौत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।