प्रमोशन से महरूम करदेने पर ख़िदमात से सबकदोश होजाने आई पी ऐस ऑफीसर का एलान
आई पी एस ओहदेदार राहुल शर्मा जिन्होंने साल2002 के गोधरा फ़सादात पर हुकूमत गुजरात को तन्क़ीद का निशाना बनाया था , शख़्सी वजूहात की बिना क़ब्ल अज़ वक़्त ख़िदमात सबकदोश होजाने का ऐलान किया है। मिस्टर शर्मा फ़िलहाल वडोदरा में डिप्टी इन्सपेक्टर जनरल आर्म्ड यूनिट के ओहदे पर फ़ाइज़ हैं बताया कि क़ब्ल अज़ वक़्त रिटायरमेंट के लिए रियासती हुकूमत को 3माह की नोटिस रवाना करदी है क्योंकि क़ायदा के मुताबिक़ आई पी ऐस ओहदेदार को 50साल के बाद ख़िदमात से सुबकदोशी के लिए 3माह क़ब्ल नोटिस देना पड़ता है और अब वो हाल ही में 50साल मुकम्मल करलिए हैं और ये रियासती हुकूमत की सवाबदीद पर है कि उनकी दरख़ास्त को मंज़ूर करलिया जाये।
ये दरयाफ़त किए जाने पर कि गोधरा पर फ़सादात की तहक़ीक़ाती कमेटी के रूबरू उन के बयान पर रियासती हुकूमत की इंतेक़ामी कार्रवाई के अंदेशा से इस्तीफ़ा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि में नहीं समझता कि रियासती हुकूमत कोई कार्रवाई करेगी मेरे पास कई मवाक़े हैं और इस से ज़्यादा बेहतर मुलाज़िमत हासिल करसकता हूँ।
मिस्टर शर्मा ने कहा कि रियासती हुकूमत की कार्रवाई को में मनफ़ी अंदाज़ में नहीं लेता, और रियासती हुकूमत के इक़दाम पर मुझे कोई इख़तेलाफ़ नहीं होगा और नाही रियासती हुकूमत की कार्रवाई के अंदेशे से मैंने इस्तीफ़ा दिया है। हाल ही में अपनी एहलिया के इंतेक़ाल के बाद शर्मा ने गांधी नगर या अहमदाबाद तबादले की ख़ाहिश की थी लेकिन रियासती हुकूमत ने इनकार कर दिया था।
इस ख़ुसूस में दरयाफ़त करने पर उन्होंने ये एतराफ़ किया कि मैंने तबादले की कोशिश की थी लेकिन मेरी दरख़ास्त को मुस्तरद कर दिया गया। वाज़िह रहे कि मिस्टर राहुल शर्मा ने जस्टिस नानावती कमीशन के रूबरू एक सी डी पेश की थी जिस में गोधरा मुशावरत के दौरान सरकारी ओहदेदारों के अहम रिकार्ड और दाएं बाज़ू की तंज़ीमों बजरंग दल और विश्वा हिंदू परिषद लीडरों की नक़ल-ओ-हरकत की तफ़सीलात थीं।
उन्होंने ये रिकार्ड नरोडा पाटिया, नरोडा काम और गुलबर्ग सोसाइटी के फ़सादात जिस को तहक़ीक़ात के दौरान तबाह किया था। साल 2011 में रियासती हुकूमत शर्मा के ख़िलाफ़ ये चार्ज शीट पेश किया था कि उन्होंने साल 2002के फ़सादात के तहक़ीक़ाती ओहदेदारों को टेलीफ़ोन कालिस के रिकार्ड पर मुश्तमिल सी डी उम्दन हवाले नहीं की थी बादअज़ां उन्होंने रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज मिस्टर जी टी नानावती कमीशन के रूबरू ये सी डी पेश की थी जिस पर रियासती हुकूमत से मिस्टर शर्मा को वजह नुमाई नोटिस जारी की गई जिस में इख़्तयारात के बेजा इस्तेमाल का इल्ज़ाम आइद किया गया था।
शर्मा ने शिविकाज़ नोटिस को कुलअदम करवाने के लिए सैंटर्ल ऐडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल से रुजू हुए थे और ट्रिब्यूनल में इस नोटिस को चैलेंज किया था और इल्ज़ाम आइद किया था कि गुजरात के महिकमा दाख़िला के ओहदेदारों ने सालाना खु़फ़ीया रिपोर्ट में उन के ख़िलाफ़ नाज़ेबा रिमार्कस किए हैं जिस की वजह से उन्हें प्रमोशन से महरूम कर दिया गया।
ताहम सैंटर्ल ऐडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल ने इब्तेदाई समाअत के बाद शोकेज़ नोटिस पर हुक्म अलतवा जारी कर दिया। बादअज़ां हुक्म अलतवा बर्ख़ास्त करदेने पर वो गुजरात हाईकोर्ट से रुजू हुए जहां पर इन का केस मारज़ अलतवा है। गुजरात हाईकोर्ट में पेश करदा दरख़ास्त में मिस्टर शर्मा ने इल्ज़ाम आइद किया कि उनके ख़िलाफ़ रियासती हुकूमत का इक़दाम बदनीयती पर मबनी है।