अबू ऐमल– हैदराबाद में नाजायज़ कशीदा शराब का कारोबार अपने उरूज पर पहूंच गया है और गुड़बम्बे माफ़िया क़ानून की आँखों में धूल झोंकने के लिए इस गंदे कारोबार में मासूम मुस्लिम बच्चों का इस्तिमाल कर रहा है। ग़ुर्बत, बच्चों से वालदैन की ग़फ़लत और जहालत का गुड़बम्बे माफ़िया भरपूर फ़ायदा उठा रहा है।
इस बात का इन्किशाफ़ महिकमा आबकारी-ओ-नशा बंदी के एक ओहदेदार से मुलाक़ात के दौरान हुआ। इस बात का भी पता चला है कि शहर में गुड़बम्बे (कशीदा शराब) फ़रोख़त करनेवाली ऐसी टोलियां सरगर्म हैं जो यौमिया (रोजाना) लाखों रुपय कमाती हैं। शराब की लत में मुबतला अफ़राद को मौत के मुंह में ढकेल कर ये माफ़िया बुलंद-ओ-बाला इमारतों, क़ीमती जायदादों और कारों का मालिक बन रहा है।
हम ने इस संगीन मसला से क़ारईन को वाक़िफ़ करवाने के लिए कल महिकमा आबकारी-ओ-नशा बंदी के इन्सपेक्टर भारत भूषण से मुलाक़ात की जो इस ओहदा पर फ़ाइज़ होने से कब्ल एक दियानतदार सहाफ़ी की हैसियत से ख़िदमात अंजाम दे रहे थे। भारत भूषण ने जब हमें ये बताया कि महिकमा नशा बंदी की हिरासत में 12 साला लड़का सद्दाम हुसैन मौजूद है तो मासूम बच्चों को अपने कारोबार के लिए इस्तिमाल करने गुड़बम्बे माफ़िया की इस नई चाल के बारे में जानने के लिए हम ने सद्दाम से बात की। इस ने बताया कि वो महबूबनगर से ताल्लुक़ रखता है। बाप मुहम्मद मौला भीक मांगा करता है। चार साल कब्ल वो बाप के हमराह हैदराबाद आया था।
सद्दाम हुसैन ने मज़ीद बताया कि मेरा बाप देढ़ साल कब्ल मुझे छोड़कर चला गया अब तक इस से कोई राबिता ना हो सका, लगता है कि वो भीक मांगने के लिए मुंबई चला गया हो। माँ दूसरे से शादी करके पता नहीं कहां चली गई। मेरी एक ख़ाला हैदराबाद में ही रहती है लेकिन में इस के पास नहीं जाता। सद्दाम हुसैन के मुताबिक़ इस का कोई पुर्साने हाल (पूछने वाला) नहीं है। इसी लिए जब इस पर गुड़बम्बे फ़रोख़त करने वाले बंडी सरीनो की नज़र पड़ी तो फ़ौरन इस ने उसे गुड़बम्बे के पैकेट्स फ़रोख़त करने पर लगा दिया और तब से वो मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर गुड़बम्बे के पैकेट्स फ़रोख़त कर रहा है। बंडी सरीनो लाल दरवाज़ा में गुड़बम्बे फ़रोख़त करता है और इस का शुमार शहर में गुड़बम्बे के बड़े कारोबारियों में होता है। सद्दाम गुज़िश्ता देढ़ दो साल से बीडी सरीनो के लिए काम कर रहा है। हर रोज़ वो 15 सो पैकेट्स फ़रोख़त करता है।
इस ने मज़ीद बताया कि ये पैकेट्स 4 रुपय के हिसाब से मिलते हैं और उन्हें दस रुपय मैं फ़रोख़त किया जाता है। इस तरह सद्दाम हुसैन बंडी सरीनो को यौमिया (रोजाना) 9000 रुपय का फ़ायदा देता है जबकि उसे इस काम केलिए सिर्फ़ 150 रुपय मिला करते हैं और वो इन रूपियों को तीन वक़्त के खाने और गुटखों की ख़रीदी पर ख़र्च कर देता है।
। भारत भूषण के मुताबिक़ गुड़बम्बे माफ़िया जिन बच्चों को इस्तिमाल कर रहा है इन में तमामम ज़ाहिब के बच्चे शामिल हैं। एक तो डर के मारे बच्चे इन माफियाओं को नहीं छोड़ रहे हैं और दूसरे अच्छी आमदनी की वजह से भी बच्चे जौक़ दरजोक़ इस कारोबार में शामिल हो रहे हैं। हालाँकि वो नहीं जानते कि पकड़े जाने पर बहुत बुरा अंजाम होता है।। इन्सपेक्टर महिकमा नशा बन्दी भारत भूषण के साथ बातचीत के दौरान हम ने देखा कि इन के दफ़्तर में शराब की नाजायज़ कशीद शराब करने और उसे फ़रोख़त करने वाले अनासिर (लोग) की तसावीर लगी हुई हैं। इन में हिन्दू, मुस्लिम हर मज़हब के लोग शामिल हैं।
इस दौरान हमारी नज़र लॉक अप में बंद एक लड़के पर पड़ी। अज़हर नामी उस लड़के को गुड़बम्बे मुंतक़िल करने के दौरान पकड़ा गया था। इस के सरपरस्त पुलिस स्टेशन के बाहर ठहरे ये कहते हुए रो रहे थे कि जल्द पैसे कमाने की लालच में इस ने सारे ख़ानदान का नाम बदनाम करके रख दिया है। भारत भूषण ने ये भी इन्किशाफ़ किया कि गुड़बम्बे माफ़िया अब कमसिन लड़कीयों को भी अपने नाजायज़ कारोबार के लिए इस्तिमाल कर रहा है और ये सब हथकंडे क़ानून से बचने के लिए किए जा रहे हैं।
लेकिन क़ानून हर हाल में उन्हें कैफ़र-ए-किरदार (आखरी अंजाम) तक पहुंचा कर रहेगा। उन्हों ने ये भी बताया कि बंडी सरीनो को गिरफ़्तार करने एक ख़ुसूसी टीम तशकील दी गई है और उमीद है कि इस की जल्द गिरफ़्तारी अमल में आएगी और इस के कब्जा से जो मासूम बच्चे हैं उन्हें भी आज़ाद करा लिया जाएगा। पैसा तो कोई भी कमा सकता है लेकिन इज़्ज़त के लिए मेहनती, ईमानदार होना ज़रूरी है। खासतौर पर मुस्लिम माँ बाप को चाहीए कि वो अपनी औलाद की तर्बीयत में कोई कसर बाक़ी ना रखें। इन की हर हरकत पर नज़र रखें। तब ही वो समाज-ओ-मुआशरा में इज़्ज़त-ओ-तौक़ीर हासिल करसकते हैं।