नई दिल्ली
चीफ़ जस्टिस आफ़ इंडिया एच एल दत्त ने आज उन के साथी जस्टिस कोरियन जोज़फ के जजस कान्फ़्रैंस गुड फ्राई डे पर मुनाक़िद करने के बारे में तनाज़े को बद बख्ता ना क़रार देते हुए कहा कि ये एक ख़ानदान का मामला है और हम उसे तए करलींगे।
जस्टिस दत्त ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजस को मदऊ किया गया था और सिर्फ़ तीन आला सतही जजस की हाज़िरी लाज़िमी थी। दीगर जजस की ग़ैर हाज़िरी कोई क़ाबिल एतराज़ बात नहीं थी।
उन्होंने तनाज़ा की एहमीयत कम करने की कोशिश करते हुए कहा कि जुमा और हफ़्ता दो रोज़ा कान्फ़्रेंस दरहक़ीक़त कान्फ़्रेंस नहीं बल्कि जजस का इजलास था जिस में मुख़्तलिफ़ मसाइल पर जिन का ताल्लुक़ अदलिया से है तबादला-ए-ख़्याल के ज़रिए उनकी यकसूई की जाने वाली थी।
जस्टिस जोज़िफ के एतराज़ात के बारे में सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये बद बख्ता ना हैं ताहम में सदर ख़ानदान हूँ और अगर कोई ख़ानदान का रुकन मुझ से कोई सवाल करता है तो उसकी यकसूई हम बाहमी तौर पर करलींगे। वो वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की जानिब से हाइकोर्टस के चीफ़ जस्टिसों और चीफ़ मिनिस्टर्स की चोटी कान्फ़्रेंस का इफ़्तेताह करने के बाद प्रेस कान्फ़ेंस से ख़िताब कररहे थे।