2002 गुलबर्ग सोसाइटी क़त्ल-ए-आम मुक़द्दमे की समाअत कररही ख़ुसूसी अदालत ने आज सुप्रीम कोर्ट की जानिब से मुक़र्रर करदा स्पेशल असोसिएशन टीम को हिदायत दी है कि नरेंद्र मोदी और दीगर के ख़िलाफ़ ज़किया जाफरी की शिकायत पर एस आई टी की क़तई रिपोर्ट से मुताल्लिक़ तमाम दस्तावेज़ात अंदरून 15 यौम पेश करे।
जज के के भट्ट ने आज ये हुक्म जारी किया। एस आई टी की क़तई रिपोर्ट में मोदी को क्लीनचिट दी गई जो उस वक़्त चीफ़ मिनिस्टर गुजरात थे। नवंबर 2011 में गुलबर्ग सोसाइटी क़त्ल-ए-आम में बच जाने वालों ने ख़ुसूसी अदालत से एस आई टी को ये हिदायत देने की ख़ाहिश की थी कि क़तई रिपोर्ट पेश की जाये।
बी जे धंधा ने जो उस वक़्त ख़ुसूसी अदालत के जज थे, एस आई टी को मुकम्मल रिपोर्ट और ज़ख़ीम दस्तावेज़ात ज़किया जाफरी की शिकायत के साथ पेश करने की हिदायत की थी। इस शिकायत में नरेंद्र मोदी पर फ़सादात के लिए हालात तैयार करने और इस काम में सहूलत पहुंचाने का इल्ज़ाम आइद किया गया था। एस आई टी ने अपनी क़तई रिपोर्ट में जो मजिस्ट्रेट के रूबरू पेश की गई थी, नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट थी।