अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. बीते दिनों संतों की सभा और हिंदूवादी संगठनों के बयानों के कारण यह मुद्दा एक बार फिर से देश में चर्चा का विषय बना. विधानसभा चुनावों के बीच मंदिर मुद्दे को लेकर पक्ष-विपक्ष, दोनों तरफ से बयान आए. संतों की सभा के बाद लगा कि कुछ दिनों के लिए यह मुद्दा शांत हो गया है, लेकिन मंदिर समर्थक या कह लें राम-भक्त अपने-अपने तरीके से इसे समर्थन देने में लगे हुए हैं. यही वजह है कि कुछ शरारती तत्वों ने शुक्रवार को इस मुद्दे के लपेटे में दुनिया के सबसे चर्चित सर्च इंजन गूगल के Google Map की साइट को भी ले लिया. शरारती तत्वों ने गूगल मैप में नक्शे पर दिख रहे अयोध्या राम जन्मभूमि स्थल के पास ‘मंदिर यहीं बनेगा’ लिख दिया.
दरअसल, गूगल मैप पर इंटरनेट यूजर्स को यह सुविधा दी जाती है कि वह किसी स्थल को मार्क कर उसका नामकरण कर सकते हैं. इसी टूल का लाभ उठाते हुए शरारती तत्वों ने राम जन्मभूमि स्थल के पास ‘मंदिर यहीं बनेगा’ मार्क किया. अंग्रेजी अखबार द हिंदू के अनुसार, गूगल मैप पर इस मार्कर के दिखते ही इस पर 12 रिव्यू कमेंट्स आए. वहीं कुछ यूजर्स के द्वारा इसे 5 में से 4 स्टार दिए गए. हालांकि जैसे ही मामले ने तूल पकड़ा गूगल ने इस मार्कर को हटा दिया. साथ ही कहा कि इसे हटाकर फिक्स कर दिया गया है.
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद करीब 2 दशकों से चला आ रहा है. हाल के दिनों में कई हिंदूवादी संगठनों ने अपने-अपने तरीके से आंदोलन, प्रदर्शन आदि के द्वारा सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया है कि जल्द से जल्द विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाया जाए. इसके मद्देनजर बीते 25 नवंबर को अयोध्या में संतों की सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें देशभर से हजारों की संख्या में मंदिर समर्थक पहुंचे थे. वहीं, महाराष्ट्र में सक्रिय हिंदूवादी पार्टी शिवसेना के सैकड़ों कार्यकर्ता और पार्टी के नेता उद्धव ठाकरे ने भी अयोध्या पहुंचकर सरकार से मंदिर निर्माण की तारीख बताने की मांग की थी. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने केंद्र सरकार से मंदिर निर्माण को लेकर जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग की थी. हालांकि इस संदर्भ में केंद्र सरकार के नेताओं का कहना है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इसलिए कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही मामले को लेकर कोई भी कदम उठाया जाएगा.