गैर मर्द के साथ शादीशुदा औरतों का लिव इन रिलेशनशिप अवैध- इलाहाबाद हाई कोर्ट

नई दिल्‍ली। शादीशुदा महिला गैर मर्द के साथ लिव इन रिलेशन में नहीं रह सकती। बालिग और गैर शादीशुदा स्‍त्री ही इस तरह का जीवनयापन कर सकत है, हालांकि यह अनैतिक होगा। जी हां ये महत्‍वपूर्ण फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया है। अदालत के मुताबिक ऐसा करके महिला या पुरुष अपने जीवन साथी के साथ धोखाधड़ी करते हैं। कानून के मुताबिक ऐसे लोगों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक सिर्फ सिंगल यानी कुंआरे, तलाकशुदा, विधवा या विधुर ही किसी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने मिर्जापुर की कुसुम की याचिका पर दिया है।
याची का कहना था कि उसकी शादी 30 मई 16 को उसकी मर्जी के खिलाफ संजय कुमार के साथ हुई है, लेकिन वह पिछले पांच वर्षों से अपने प्रेमी के साथ लिव-इन-रिलेशन में रह रही है। दोनों पति पत्नी की तरह से रह रहे हैं, लेकिन परिवार वाले उसे परेशान कर रहे हैं उन्हें रोका जाए।
कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी को ही संबंध बनाने की कानूनी मान्यता है। यदि कोई दूसरा पुरूष किसी की पत्नी के साथ संबंध बनाता है तो यह अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने इन्द्रा शर्मा बनाम वीकेवी शर्मा केस में स्पष्ट किया है कि गैर शादीशुदा स्त्री शादीशुदा पुरुष के साथ लिव-इन-रिलेशन में नहीं रह सकती।

स्वतंत्र गैर शादीशुदा या तलाकशुदा स्त्री पुरुष ही लिव-इन-रिलेशन में रह सकते हैं। यह किसी भी समय समाप्त हो सकता है। ऐसे संबंध को नैतिक नहीं कहा जा सकता।