पिछले दिनों गोडसे को 30.01.1948 के लिए धन्यवाद देने वाली आईएएस निधि चौधरी के ट्वीट से उपजे विवाद के बाद उन्होंने सफाई पेश की है. मालूम हो कि 30.01.1948 के दिन ही नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी. अपने पिछले ट्वीट पर सफाई देते हुए उन्होंने फेसबुक पोस्ट कर कहा कि वह केवल व्यंग्य था.
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि जिस ट्वीट को अनर्गल अर्थ दिया जा रहा है वो असलियत में एक व्यंग्य था. निधि ने अपनी सफाई में आगे कहा कि कई वर्षों से उनका वॉट्सएप स्टेटस भी सत्यमेव जयते है. उनका कहना है कि इस विवाद को तूल दिए जाने से वो बहुत दुखी हैं.
आईएएस निधि चौधरी ने टीवी9 भारतवर्ष से इस मसले पर बातचीत में कहा, “मैंने देश के खिलाफ कुछ नहीं लिखा, सरकार के खिलाफ कुछ नहीं लिखा और न ही संविधान के खिलाफ कुछ लिखा है. मैं एक जिम्मेदार पद पर हूं और अगर आप मेरा ट्विटर देखें तो पता चलेगा कि मेरे विचार क्या हैं.”
हालांकि निधि के सफाई पेश करने के बाद भी कई लोग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के नेता संजय निरुपम ने भी ट्वीट कर उनके इस्तीफे की मांग की है.
राष्ट्रपिता का अपमान और गोडसे की प्रशंसा करने के बाद अभी तक अधिकारी निधि चौधरी निलंबित क्यों नहीं हुई ?
मुख्यमंत्री @Dev_Fadnavis क्या आप गांधी जी के अपमान का समर्थन करते हैं?
क्या आप भी साध्वी प्रज्ञा की तरह गोडसे को देशभक्त मानते हैं?
अगर नहीं तो निधि चौधरी को तत्काल सजा दें । pic.twitter.com/hrt66UgK5j— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) June 2, 2019
संजय निरुपम की इस मांग पर निधि ने कहा, “ये जो लोग सस्पेंशन की बात कर रहे हैं जरा उनसे पूछिए कि क्या उनकी मांग सही है? अगर उनको लगता है कि ये गलत है तो मैं इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं.” गोडसे पर हाल ही में उनके ट्वीट के बाद उपजे विवाद को निधि ने गलतफहमी बताया.
उन्होंने कहा, “ये सब मिस अंडरस्टैंडिंग है. मैंने कोई भी बात गलत नहीं लिखी. मैं दुखी थी और मैं गांधी जी के बारे में लिखी जा रही बातों से आहत थी.” उनका मानना है कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है.