गोधरा ट्रेन वाक़िया में कोई साज़िश नहीं

अहमदाबाद, ०३ फ़रवरी (पी टी आई) 2002 के फ़सादाद के दौरान बाज़ नामी गिरामी शख़्सियतों बिशमोल चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी के फ़ोन काल रिकार्ड रियासती इंटेलीजेंस ब्यूरो ( एस आई बी ) की जानिब से रेकॉर्ड किए जाने पर गोधरा ट्रेन को जलाए जाने वाक़िया की साज़िश के नज़रिया को नुक़्सान पहूँचाने का इन्किशाफ़ हुआ है ।

मुअत्तल शूदा आई पी एस ओहदेदार मिस्टर संजीव भट्ट ने आज ये बात बताई । एस आई टी के सदर नशीन मिस्टर आर के राघवन को एक मकतूब रवाना करते हुए मिस्टर भट्ट ने ये भी याद दहानी करवाई कि वो पहले ही ख़ाहिश कर चुके हैं कि क़ानून ताज़ीरात के दफ़ा 164(1) के तहत इन का बयान भी रेकॉर्ड करवाया जाये ।

उन्होंने अपने मकतूब में कहा कि वो पहले ही इज़ाफ़ी हक़ायक़ से एस आई टी को वाक़िफ़ करवा चुके हैं जिन में साज़िश के नज़रिया का ज़रूरत से ज़्यादा प्रोपगंडा करने में चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी का रोल भी शामिल है । उन्हों ने कहा कि स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो में दाख़िली सलामती के इंचार्ज डी सी पी ने तमाम फ़ोन काल्स का रीकॉर्ड जमा किया था जो गुजरात के कई इलाक़ों बिशमोल गोधरा से हासिल किया गया था ।

इस के इलावा 27 और 28 फ़रवरी 2002 के आली शख्सियतों बिशमोल चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी के फ़ोन काल्स का भी रीकॉर्ड हासिल किया गया था । उन्हों ने कहा कि वो तमाम रिकार्डस का जायज़ा ले चुके हैं और कुछ ऐनी शाहिदीन और ज़राए से बात चीत भी कर चुके हैं ताकि वाक़ियात की हक़ीक़ी नवीत का पता चलाया जा सके ।

उन्हों ने कहा कि इंटेलीजेंस ब्यूरो की दस्तावेज़ गोधरा वाक़िया 27-02-2002 ‍इंटेलीजेंस का जायज़ा में वाज़िह किया गया है कि साज़िश का कोई नज़रिया ही नहीं है अगर तमाम वाक़ियात का हक़ीक़त पसंदाना जायज़ा लिया जाये । मिस्टर भट्ट ने कहा कि वो तमाम दस्तावेज़ात बिशमोल असल फ्लॉपी डिस्कस और प्रिंट आउटस वगैरह अपनी पेशी के वक़्त इस आई टी को पेश कर चुके हैं।

उन्हें उम्मीद है कि एस आई टी ओहदेदारों ने मुनासिब दस्तावेज़ी सबूत का गोधरा वाक़िया की तहकीकात करने वाले ओहदेदारों की टीम के साथ तबादला अमल में लाया है । अगर ओहदेदार इस का जायज़ा लेने से गुरेज़ करते हैं तो इस से इन्साफ़ रसानी का अमल मुतास्सिर होगा।