मध्य प्रदेश के सिवानी जिले में 22 मी को गोमांस ले जाने के शक में एक मुस्लिम सहित दो मुस्लिम पुरुषों को पीटने और जबरन जय श्री राम का नाम लेने के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पीड़ितों ने कोर्ट से बताया है कि उन्होंने इस घटना के बार में पुलिस को इसलिए नहीं बताया क्योंकि गौ-रक्षकों ने उन्हें ऐसा करने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
22 मई को सिवनी जिले में जय श्री राम का जाप करने के लिए बनाई गई गोमांस ले जाने के शक में एक मुस्लिम सहित दो मुस्लिम पुरुषों को पीटा गया और उनके साथ आई एक मुस्लिम महिला ने अदालत को बताया कि उन्होंने पुलिस को इस बारे में नहीं बताया। यातना, क्योंकि गौ रक्षकों ने उन्हें मारने की धमकी दी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीआरपीसी की धारा 164 के तहत सोमवार को अदालत के सामने अपना बयान दर्ज कराते हुए तीनों ने कहा कि उन्होंने भी इस घटना की सूचना पुलिस को नहीं दी क्योंकि शुभम बघेल और अन्य ने उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर वो ऐसा करेंगे तो जान से मारे जाएंगे।
पुलिस ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में तब पता चला जब उन्होंने दो दिन बाद वीडियो देखा न की 22 मई को जब शुभम बघेल और अन्य ने उन्हे तिकड़ी से गोमांस बरामद होने की सूचना दी। इस मामले में तौसीफ खान, 24, अंजुम सम, 40 और दिलीप मालवी, 24 के खिलाफ राज्य के एंटी गोहत्या अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि गोमांस के शक में तीन लोगों की पिटाई करने वाले पांच आरोपियों में से एक जिसका नाम शुभम सिंह है और वो खुद को ‘राम सेना’ का सदस्य बताता है। उसने 23 मई चुनाव नतीजोों के दिन ये वीडियो अपने फेसबुक अकाउंट में पोस्ट किया था। बाद में उसने वो वीडियो फेसबुक से डिलीट कर दिया।