हुकूमत के एक ताज़ा तरीन ब्यान के मुताबिक़ मुल्क में मुकम्मल हिफ़्ज़ान-ए-सेहत के हुसूल के लिए दस साल का अर्सा दरकार है। राज्य सभा में वकफ़ा-ए-सवालात के दौरान जय राम रमेश ने कहा कि मुल़्क की तमाम ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम पंचायतों में बदलने और पीने के पानी और हिफ़्ज़ान-ए-सेहत के मुकम्मल हुसूल के लिए दस साल का अर्सा लग सकता है।
उन्हों ने कहा कि गांव की पंचायत को निर्मल ग्राम पंचायत में तब्दील करने के लिए एक साल का अर्सा लग गया। मुल्क में ग्राम पंचायतों की तादाद 2.60 लाख है और मर्दुमशुमारी के ताज़ा तरीन डाटा के मुताबिक़ इन में से सिर्फ 28000 पंचायतों में ही मुकम्मल हिफ़्ज़ान-ए-सेहत का निशाना उबूर किया गया है।