650 करोड़ के चारा घोटाले की जांच और सुनवाई 17 साल से जारी है। इसके बावजूद सीबीआई मुजरिमों की करोड़ों की जायदाद का पता नहीं लगा पाई। पर, इंकम टैक्स महकमा को ऐसी कई जायदाद का पता चला है, जिन्हें अटैच करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हिनू का एक ज़मीन भी इसी सिलसिले में अटैच किया गया है।
महकमा के मुताबिक चारा सप्लाय करने वाला त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ने रांची और पटना के अलावा मुल्क के कई शहरों में जमीन और फ्लैट खरीदा। डेढ़ दशक बाद इसकी जानकारी इंकम टैक्स महकमा को मिली है। इसकी तशदिक पटना के इंकम टैक्स कमिश्नर प्रशांत भूषण ने की है। उन्होंने कहा कि रांची और पटना की टीम मुश्तरका मुहिम चलाकर घोटालेबाजों की जायदाद खंगालने में लगी है, ताकि इन्हें अटैच किया जा सके।
त्रिपुरारी के पास कई भूखंड और कॉम्प्लेक्स
चारा सप्लाय करने वाला त्रिपुरारी मोहन प्रसाद का हिनू में ज़मीन था। इसे उन्होंने कनवर्सन पर बिल्डर अनिल झा को दिया। बिल्डर ने इस जमीन पर शिवम अपार्टमेंट बनाया, जिसमें 24 फ्लैट हैं। ये अलग-अलग लोगों को बेचे गए। अनिल झा बेंगलुरू चला गया। अब इंकम टैक्स महकमा इसे अटैच करने की तैयारी कर रहा है।
आईटी को यह भी मिला
पटना वाक़ेय सगुना मोड़ में 24 कट्ठे के प्लॉट पर बना अपार्टमेंट।
पटना में आदर्स सहकारी इमारत तामीर कमेटी (120 डिसमिल जमीन)।
वहीं एसपी वर्म रोड पर शांति कॉम्पलेक्स।
कौन हैं त्रिपुरारी मोहन
तांत्रिक बाबा नाम से । चारा घोटाला के 37 मामलों में मुल्ज़िम । 33 मामलों में मुजरिम । 4 साल से ज़्यादा जेल में रहा। अब जमानत पर। बिहार सर्जिको मेडिको एजेंसी, श्री बाबा केमिकल वक्र्स, मानस सेल्स कार्पो., मस्ट्रिन इंडिया नाम से अदारा खोले और 97.97 करोड़ की फर्जी सप्लाय की।