हैदराबाद हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश के ज़िला चित्तूर में वाक़्ये सुयशा चिलिम जंगलात में 7 अप्रैल को पुलिस फायरिंग के नतीजे में 20 अफ़राद के हलाकतों की तहक़ीक़ात के लिए तशकील शूदा ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम (एस आई टी) को आज हुक्म दिया कि वो अंदरून 60 यौम अपनी तहक़ीक़ात मुकम्मिल करते हुए अदालत में रिपोर्ट पेश करें।
चीफ़ जस्टिस कल्याण ज्योति सेन गुप्ता और जस्टिस पी वि संजय कुमार पर मुश्तमिल हाइकोर्ट की डीवीझ़न बेंच ने उबूरी अहकाम जारी करते हुए इस केस की तहक़ीक़ात में सुस्त रवी पर अफ़सोस और नाराज़गी का इज़हार किया जो तहक़ीक़ाती अफ़्सर की तरफ से अदालत में पेश की गई थीं।
इस अदालत ने पिछ्ले हफ़्ता आंध्र प्रदेश पुलिस को हिदायत दी थी कि वो इस ज़िमन में केस डायरी आज अदालत में पेश करें। इस मुक़द्दमा की आइन्दा समाअत 01 मई को मुक़र्रर की गई है। चीफ़ जस्टिस कल्याण ज्योति सेन गुप्ता ने उबूरी अहकाम जारी करते हुए कहा कि फ़िलहाल हम आप को 60 दिन की मोहलत देते हैं ताके तहक़ीक़ात मुकम्मिल की जाएं।
आप (हुकूमत) आइन्दा पेशी से तहक़ीक़ात में होने वाली पेशरफ़त की तफ़सीलात पेश करें और ग़ैर जांबदाराना तौर पर तहक़ीक़ात की जानी चाहीए। जजों ने इस तास्सुर का इज़हार किया कि तहक़ीक़ात इतमीनान बख़श नहीं है, चुनांचे अदालत उन तहक़ीक़ात के लिए एक आज़ाद टीम मुक़र्रर करेगी।