चीफ़ मिनिस्टर दिल्ली का दफ़्तर ”ग़ायब दिमाग़’ सीआईसी की जानिब से सरज़निश

नई दिल्ली:सेंटर्ल इन्फ़ार्मेशन कमीशन ने चीफ़ मिनिस्टर दिल्ली अरविंद केजरीवाल के दफ़्तर की सरज़निश की और कहा कि वो ”ग़ैब दिमाग़’ हरकतें कर रहा है। एक सीनियर सिटीज़न की दरख़ास्त को दूसरे महिकमों को मुंतक़िल करने से पहले दफ़्तर के ओहदेदारों ने अपने दिमाग़ का इस्तेमाल नहीं किया।

ये दरख़ास्त वज़ीफे के मौक़िफ़ को जानने के लिए दाख़िल की गई थी मगर सीएमओ ने उसे29 महिकमों से रुजू कर दिया। कमीशन ने कहा कि इस से लापरवाही और तसाहली का पता चलता है कि सी ऐम ओ जैसे बड़े दफ़्तर में ग़ैर सहतमनदाना अवामिल हो रहे हैं। दफ़्तर के ओहदेदारों ने एक हक़ मालूमात क़ानून (आर टी आई की दरख़ास्त को दीगर महिकमों से रुजू कर दिया जबकि सीआईसी ने चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर को हिदायत दी कि वो नई दिल्ली की हुकूमत में तमाम नौईयत के वज़ाइफ़ के मौक़िफ़ पर एक वाईट पेपर तैयार करे और ये बताए कि वज़ाइफ़ की अदमे अदाइगी की वजूहात किया है।

बक़ायाजात की अदायगी का वक़्त और तारीख़ बताई जाये और20 दिन के इंद्रिय वज़ाहत की जाये कि आख़िर वो वज़ाइफ़ को कब अदा करेगी। इन्फ़ार्मेशन कमिशनर सिरीधर अचार्यालू ने सीएमओ को ये भी हिदायत दी कि दरख़ास्त गुज़ार चरणजीत सिंह भाटिय को एक लाख रुपये का मुआवज़ा अदा करे और पब्लिक इन्फ़ार्मेशन ऑफीसर्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे जिन्होंने ग़ैर ज़रूरी तौर पर इस सीनियर सिटीज़न की दरख़ास्त दीगर महिकमों को मुंतक़िल कर दी।

सीनीयर सिटीज़न भाटिय ने अपनी आरटीआई दरख़ास्त दाख़िल की थी और ये जानने की कोशिश की कि आख़िर जुलाई2014 और अप्रैल2015 के दरमियान10 मई तक उसकी बीवी का वज़ीफ़ा क्यों अदा नहीं किया गया। 3 माह के चेक्स अप्रैल, जून2014 को फरवरी 2015 में 8 बाद हवाले किया गया था। भाटिय का दावा है कि इन्होंने इस कोताही और वज़ीफे की अदम वसूली से मुताल्लिक़ चीफ़ मिनिस्टर को सैंकड़ों मकतूब लिखे क्यों कि उनकी बीवी की माज़ूरी का वज़ीफ़ा नहीं मिल रहा था|