लखनऊ: कभी तीन तलाक तो कभी श्मशान और कब्रिस्तान। इसके बाद अब चुनाव के दौरान बुर्का और हिजाब पर एतराज़ चर्चा का विषय बन गया है। फर्जी मतदान को लेकर भाजपा नेताओं का बुर्का और हिजाब पर आपत्ति करना न केवल एक विशेष समुदाय पर निशाना है बल्कि चुनाव आयोग की व्यवस्था और ड्यूटी अधिकारी के काम पर भी सवाल खड़ा करना है।
न्यूज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के अनुसार यूपी चुनाव में पांच चरणों के मतदान पूरा हो जाने के बाद फर्जी मतदान को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर न केवल मुस्लिम समुदाय के लोग आश्चर्य का इज़हार कर रहे हैं बल्कि मतदान के दौरान बूथ स्टाफ की ड्यूटी दे रहे कुछ लोग भी इन आरोपों को महज एक चुनावी शोशा करार दे रहे हैं।
उन सभी का कहना है कि अब केवल दो चरण शेष रह गए हैं। लगता है भाजपा नेताओं को अपनी हार का इतना डर सता रहा है कि वह अब बौखला कर इस तरह के आरोप लगाकर कट्टर हिंदू वोट को आकर्षित करने की अंतिम कोशिश कर रहे हैं।
उनका कहना है कि कब्रिस्तान और श्मसान की बात उठाकर प्रधानमंत्री मोदी ने भी सांप्रदायिकता का कार्ड खेलने की भरपूर कोशिश की है।उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री अपने पद का विचार न करके इस तरह की बातें करके अपनी सांप्रदायिक छवि को लोगों पर उजागर कर रहे हैं। हमें आश्चर्य होता है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री भी ऐसी भाषा बोल रहा हैं।