नोटबंदी के बावजूद चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल में कमी नहीं आई है, हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर हुए ओ पी रावत ने यह आशंका जताई है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राजनीतिक दलों के पास पैसों को कोई कमी नहीं है, चुनाव के दौरान ज्यादातर इस्तेमाल होने वाला पैसा कालाधन होता है और इसपर किसी तरह की रोक नहीं लग पायी है।
Former Chief Election Commissioner OP Rawat: After demonestisation it was thought that misuse of money during election will be brought down. But it couldn't be proved on basis of the data of the seizures.Compared to previous elections, there were more seizures in the same states. pic.twitter.com/mJ6RfivOgx
— ANI (@ANI) December 3, 2018
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद ऐसा माना जा रहा था कि चुनाव के दौरान पैसे के गलत इस्तेमाल पर रोक लग जाएगी, लेकिन इस बार के चुनावों में पिछली बार की जगह ज्यादा पैसा जब्त हुआ है और जब्ती के पैसों के आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि नोटबंदी से चुनाव के दौरान कालेधन के इस्तेमाल में कमी आई होगी।