मदर्सा शमस उल-उलूम पीरला मरी रोड महबूबनगर में इंतिज़ामी कमेटी मदर्सा शमस उल-उलूम की जानिब से एक इजलास मौलाना मुहम्मद अबदुर्रशीद मज़ाहरी नाज़िम मदर्सा की सदारत में मुनाक़िद किया गया।
इस इजलास से ख़िताब करते हुए मौलाना अबदुर्रशीद मज़ाहरी नाज़िम मदर्सा-ओ-मौलाना हाफ़िज़ अब्दुल नासिर मज़ाहरी ने मासूम मुस्लमानों को गुमराह करने वाले ख़ारिज इस्लाम फ़ित्ना क़ादियानियत की सरकूबी के लिए सैयद शाह अफ़ज़ल ब्याबानी ख़ुसरो पाशा चेयरमैन रियास्ती वक़्फ़ बोर्ड के इक़दाम को वक़्त का अहम तरीन फ़ैसला क़रार दिया क्यों कि का दयानी मासूम मुस्लमानों को गुमराह करके कुफ्र की जानिब ले जा रहे थे।
ऐसे में रियास्ती वक़्फ़ बोर्ड का ये फ़ैसला कि वक़्फ़ की मसाजिद-ओ-जायदादें जो क़ादियानीयों के क़ब्ज़े और ज़ेर-ए-इंतिज़ाम हैं उन्हें ना सिर्फ वापस हासिल करने हैं बल्कि देही और मासूम मुस्लमानों को उनके लालच से महफ़ूज़ रखना भी बहुत ज़रूरी है। ऐसे में रियास्ती वक़्फ़ बोर्ड का इक़दाम मुनकरीन अक़ीदा-ओ-फ़ित्ना क़ादियानियत को ख़तम करने में कानूना मदरगार साबित होगा।
इस इजलास में असातिज़ा मदर्सा तलबा-ए-ओ- दीगर अहबाब मौजूद थे।