चोटी कान्फ़्रेंस में हिन्दुस्तान की शिरकत

हिन्दुस्तान अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की ज़ेरे सरपरस्ती शाम के मौज़ू पर बैन-उल-अक़वामी चोटी कान्फ़्रैंस में शिरकत के लिए तैयार हैं जो जिनेवा में मुक़र्रर है और इस में तमाम मुतहारिब मुल्की-ओ-ग़ैर मुल्की फ़रीक़ैन को यकजा किया जाएगा ताकि बोहरान की यकसूई की जा सके और शाम को मुस्तहकम बनाया जा सके। हिन्दुस्तान ने इत्तिला दी है कि उसे जिनेवा में मुक़र्रर दूसरी चोटी कान्फ़्रैंस में शिरकत का दावतनामा मिल चुका है जो आइन्दा माह मुक़र्रर है।

ये इत्तेला मुसद्दिक़ा है ताहम हिन्दुस्तान इस सिलसिले में रस्मी दावतनामा का मंज़र है विज़ारत-ए-ख़ारजा के एक तर्जुमान ने कहा कि 10 लाख अमरीकी डालर की तंज़ीम के ट्रस्ट में जो दी हेग में कीमीयाई हथियारों पर इमतिना के सिलसिले में क़ायम की गई है और शाम के कीमीयाई हथियार और उनसे मुताल्लिक़ा कारख़ानों को तलफ़ करने की ज़िम्मेदार है , माली इमदाद देने के इलावा हिन्दुस्तान चोटी कान्फ़्रैंस में भी शिरकत करेगा।

हिन्दुस्तान ने अपने इस मौक़िफ़ का इआदा किया है कि शाम के तनाज़े की यकसूई मुज़ाकरात के ज़रीये ही मुम्किन है। रूस ,चीन और ईरान की तरह हिन्दुस्तान ने भी वाज़िह कर दिया है कि वो मग़रिबी ताक़तों की किसी भी फ़ौजी दख़ल अंदाज़ी की ताईद नहीं करेगा। रूस इस मौक़िफ़ को शाम के बारे में अपनी पालिसी की मज़ीद तौसीक़ समझता है।

शाम में मग़रिबी ममालिक की माली और फ़ौजी इमदाद के ज़रीये बशारालासद हुकूमत के मुख़ालिफ़ इस के ख़िलाफ़ बग़ावत में मसरूफ़ हैं ताहम ढाई साल की ख़ानाजंगी के बावजूद उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई है जिस के बरअक्स उन के ज़ेरे इक़तेदार इलाक़ा दिन बह दिन सुकड़ते जा रहे हैं। दूसरी तरफ़ हुकूमत शाम की लुबनान की हिज़्बुल्लाह और ईरान की जानिब से भरपूर ताईद जारी है।