नई दिल्ली, 23 जनवरी ( पी टी आई) जिन असातिज़ा का साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर हरियाणा ओम प्रकाश चौटाला और उनके फ़र्ज़ंद अजय चौटाला ने मुंतख़ब करके गै़रक़ानूनी तौर पर जे बी आई स्कीम के तहत तक़र्रुर किया था, मुलाज़मतों पर बरक़रार नहीं रह सकते। दिल्ली की एक अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला और उनके फ़र्ज़ंद अजए चौटाला के इलावा आज दीगर मुल्ज़िमीन को 10 साल की सज़ा क़ैद सुनाते हुए उनके मुक़र्रर करदा असातिज़ा की बरतरफ़ी का हुक्म भी जारी किया।
अपने इस फ़ैसला के सिलसिला में अदालत ने हिमाचल प्रदेश की हाइकोर्ट के ऐसे ही एक मसला के सिलसिला में फ़ैसला का हवाला दिया, जिसमें मुक़र्रर करदा उम्मीदवारों को मुआविन मुजरिम क़रार दिया गया था। सी बी आई के ख़ुसूसी जज विनोद कुमार ने कहा कि मुआविन मुजरिमों को मुलाज़मत पर बरक़रार रहने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।
अदालत ने सी बी आई को हिदायत दी कि असातिज़ा के इंतेख़ाबात के बारे में मज़ीद तहक़ीक़ात की जाए।