(सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) ओड़ीशा के चीफ़ मिनिस्टर नवीन पटनाइक और उन की हुकूमत की नींद हराम करदेने वाले मावीस्ट क़ाइद दया का ताल्लुक़ नलगूंडा ज़िला के भूंगीर डीवीझ़न की वली गोंडा मंडल के मौज़ा दासी रेड्डी गोड़म से है। जागीरदाराना निज़ाम की मुख़ालिफ़त में चार्म मजुमदार नज़रियात (वीचारों) से मुतास्सिर नक्सल तहरीक देहातों में अपना असर बढ़ाते हुए अपने सफ़र को जारी रखे हुए था कि पाईला वासोदेवराउ और चंद्रा पिला रेड्डी जैसे आहनी क़ाइदीन के आपसी इख़तेलाफ़ात के सबब दम तोड़ती हुई मुंतशिर तहरीक को उस वक़्त तहरीक में नई जान डालते हुए सीतम की क़ियादत में आलेर इलाक़ा में रचा कोंडा दलम ने गोरीला तहरीक के ज़रीया पीपल्ज़ वार को आगे बढ़ाया।
इस वक़्त माओवादी नज़रियात से मुतास्सिर रयाडीकल स्टूडंट यूनीयन ने अवाम में अपनी पहचान बनाई। ग़दर की परजाना टीया मंडली ने अपने गीतों के ज़रीया अवामी बेदारी से इन्तेलाबी तहरीक(क्रोन्ती कारी आन्दोलन) और नज़रियात को एक जिला बख़शी। दासी रेड्डी गोड़म के मुतवत्तिन (नीवासी) श्याम लाल और चन्द्रमां के घर में पैदा हुए श्यामलाल कशटया, वली गोंडा जैड पी ऐच ऐस में दसवीं की तकमील के बाद भू नगीर जूनियर कॉलेज से ईंटर की तकमील की और मुक़ामी डिग्री कॉलेज से बी कोम के साल अव्वल से अपनी तालीम को अधूरी छोड़कर आलेर के गोरीला दलम क़ाइद सत्यम की क़ियादत में भूंगीर, रयाडीकल यूनीयन के ओर्गेनाईज़र मुंतख़ब हुए।
इस के बाद वो रुपोश होकर रचा कोंडा दलम क़ाइदीन को श्री काकोलम ज़िला कमेटी सेक्रेटरी भी मुंतख़ब हुए और विशाखापटनम, मशरिक़ी गोदावरी अज़ला में पिछड़े हुए अफ़राद में उन के हुक़ूक़ के लिए जद्द-ओ-जहद करने वाले की हैसियत से अपनी एहमीयत का लोहा मनवा कर अपनी मक़बूलियत में इज़ाफ़ा किया।
इस वक़्त वो ओड़ीशा, आंधरा के सरहदी इलाक़ा के सेक्रेटरी की हैसियत से आदिवासियों के हुक़ूक़ के लिए अपनी जद्द-ओ-जहद को वुसअत देकर राय गढ़, गजा, गजा पत्ती, कोरा पुर वग़ैरा इलाक़ों में मावीस्ट तहरीक को ज़िला नलगुंडा के एक छोटे से गुमनाम मौज़ा दासी रेड्डी गोड़म से मावीस्ट गोरीला तहरीक के सफ़र को शुरू करके एक देहाती श्यामलाल कशटया उर्फ़ दिया ने मावीस्ट तहरीक को मुल्की सतह पर बैन-उल-अक़वामी मौज़ू बना दिया है, जिस ने ना सिर्फ इटली के शहरीयों को अग़वा किया बल्कि ओड़ीस्सा रियासत के एक ऐम एल ए हक्का को भी अपनी क़ैद में रख कर कुछ क़ैदीयों की रिहाई का मुतालिबा करते हुए ना सिर्फ ओड़ीशा की रियास्ती हुकूमत बल्कि मर्कज़ी हुकूमत की बेबसी को दुनिया की नज़रों में शर्मिंदगी से दो-चार कर दिया है।
ओड़ीशा की जेल में क़ैद मावीस्ट लीडर और आदिवासी क़ाइदीन की रिहाई के लिए दिया ने दो इतालवी शहरीयों और एक ऐम एल ए का अग़वा करके इंसानी बुनियाद पर एक इतालवी शहरी को रिहा करदिया और ओड़ीस्सा हुकूमत को धमकी दी कि इस के मुतालिबात की अदम तकमील पर वो मुग़्विया अफ़राद को जान से मार देगा।
पटनाइक हुकूमत की नींद हराम करदेने वाले श्यामलाल कशटया उर्फ़ दिया 1970 में ग़रीब घराने में पैदा हुआ। मावीस्ट पार्टी क़ाइद दया के सर के लिए हुकूमत आंधरा प्रदेश ने 5 लाख रुपयां का इनाम भी रखा है।
दासी रेड्डी गोड़म एक छोटा सा गुमनाम मौज़ा(मंडल) पिछली दफ़ा सांबा शैवडू की वजह से अख़बारात की सुर्ख़ीयों में आ गया था। सांबा शैवडू के बाद दिया आर्मीडफोर्से के लिए चैलेंज बन गया है।