हैदराबाद 01 जुलाई: जनरल वी पी मलिक ने जंग के दौरान नौजवान ऑफीसरस की तरफ से बहादुरी और क़ाइदाना सलाहीयतों के मुज़ाहिरे की सताइश की। हैदराबाद में दो-रोज़ा ईवंट , डईलाग बॉक्स के सिलसिले में एक्सीलेंस इन एडवरसिटी के मौज़ू पर पैनल मुबाहिसा में हिस्सा लेते हुए जो टानला सल्यूशंस लिमिटेड पर मुनाक़िद हुआ जनरल वीर प्रकाश मलिक ने जो 19 वीं चीफ़ आफ़ आर्मी थे और उन्होंने कारगिल जंग में हिन्दुस्तान की क़ियादत की थी।
कारगिल जंग में उनके तजुर्बात से वाक़िफ़ करवाया और इस जंग के दौरान शहीद होने वाले एक बहादुर ऑफीसर मेजर पदमा यानी आचार्य की तरफ से उनके वालिद को लिखे गए लेटर्स की स्तरों का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा हलाकतों के बारे में फ़िक्र ना कीजिए। ये काम इसी नौईयत का होता है। मुल्क और मुल्क के अवाम की ख़िदमत से बेहतर और क्या हो सकता है। जनरल ने नौजवानों की बेहतर रहनुमाई, उनमें तहरीक पैदा करने और उन्हें सही रास्ते पर गामज़न करने की ज़रूरत पर-ज़ोर दिया।