जगनमोहन रेड्डी को मिली जमानत

आमदनी से ज्यादा बेहिसाब दौलत के मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदर वाई एस जगनमोहन रेड्डी को सीबीआई की खुसूसी अदालत ने आज इस शर्त पर जमानत दे दी कि वो हैदराबाद से बाहर न जाए। अदालत ने पिछले हफ्ते अपना फैसला मलफू़ज कर लिया था।

कड़पा से रुक्ने पार्लियामेवट जगन को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुजिश्ता साह मई में गिरफ्तार किया था। जगन पर बेहिसाब दौलत जमा करने का इल्जाम है।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदर जगनमोहन रेड्डी को राहत देने वाले एक फैसले में सीबीआई की एक खुसूसी अदालत ने करीब 16 महीनों तक चंचलगुड़ा सेंट्रल जेल में रहने के बाद जमानत दी है।

खुसूसी अदालत के जज यू दुर्गाप्रसाद राव ने जगनमोहन रेड्डी को दो लाख रुपये के खानगी बांड और इतनी ही राशि के मुचलकों पर जमानत दे दी। अदालत ने जगनमोहन को हुक्म दिया कि वह अदालत की इजाजत के बगैर हैदराबाद से बाहर नहीं जाएंगे और न ही रास्त या बिहरास्त से किसी गवाह को मुतासिर करेंगे। इसके साथ ही उन्हें मामले की कार्यवाही के दौरान अदालत के सामने लाजिर रहने को भी कहा गया है।

अदालत ने कहा कि अगर जगनमोहन इन शर्तों को की खिलाऱर्जी करते हैं तो सीबीआई उनकी जमानत रद्द करने की मांग कर सकती है। यह मामला जगनमोहन की कंपनियों में मुख्तलिफ कंपनियों की जानिब से सरमायाकारी से मुतालि़क है जो उनके वालिद व साबि़क चीफ मिनिस्टर वाईएस राजशेखर रेड्डी के दौराने हुकूमत फायदा हासिह करने के म़कसद से किए गए थे। राजशेखर रेड्डी 2004 से 2009 के बीच आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर थे।

जगनमोहन को जमानत दिए जाने का फैसला सुनाने के बाद अदालत कैम्पस में जश्न का माहौल देखा गया और पार्टी हिमायतियों ने पटाखे चलाए तथा मिठाइयां बांटीं।

जगनमोहन गिरफ्तारी के बाद 27 मई 2012 से यहां चंचलगुडा सेंट्रल जेल में बंद थे।