ज़हीरउद्दीन अली ख़ान
अनक़रा । 12 । अक्तूबर । नायब सदर जमहूरीया जनाब मुहम्मद हामिद अंसारी ने आज यहां तुर्की के सदर अबदुल्लाह गुल , वज़ीर-ए-आज़म रजब तय्यब उरदगान से मुलाक़ात के दौरान बाहमी , इलाक़ाई-ओ-आलमी उमूर पर तफ़सीली तबादला-ए-ख़्याल किया । जनाब हामिद अंसारी ने तुर्की की अज़ीम क़ौमी असैंबली (पार्लीमैंट) के स्पीकर जमील शेख़ से भी मुलाक़ात की । जनाब हामिद अंसारी तुर्की का छः रोज़ा सरकारी दौरा कर रहे हैं । उन्हों ने आज अपनी शरीक हयात मुहतरमा सलमा अंसारी के साथ तर्क जमहूरीया के बानी मुस्तफा कमाल अतातुर्क के मक़बरा पर हाज़िरी दी। इस मौक़ा पर उन्हों ने इस अज़ीम क़ाइद को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करते हुए कहा कि अतातुर्क की क़ियादत , हिंदूस्तानी तहिरीक-ए-आज़ादी में अज़म-ओ-इस्तिक़ामत काव यक मिसाली ज़रीया बनी थी । नायब सदर हिंद ने मक़बरा पर मौजूद सुनहरी किताब अलराए में अपने एहसासात दर्ज किए जिस में उन्हों ने कहा कि मुझे तर्क जमहूरीया के बानी एक अज़ीम साहिब बसीरत रहनुमा और एक मुदब्बिर को ख़राजे अक़ीदत पेश करने का एज़ाज़ हासिल हुआ है। जनाब हामिद अंसारी ने मज़ीद लिखा कि तुर्की की जद्द-ओ-जहद आज़ादी में इन की क़ियादत हिंदूस्तानी तहिरीक-ए-आज़ादी के लिए सरचश्मा बसीरत साबित हुई। उन्हों ने कहा कि मुस्तफ़ा कमाल पाशाह के नज़रियात दुनिया भर में आज़ाद ख़्याल , सैकूलर और जमहूरी अवाम केलिए बदस्तूर सरचश्मा रहनुमाई बने रहेंगे ।जनाब अंसारी एक आला सतही वफ़द के साथ तुर्की का दौरा कर रहे हैं । उन के ज़ेर क़ियादत वफ़द में अरकान पार्लीमैंट के इलावा सरकरदा सनअती-ओ-तिजारती इदारों की मुमताज़ शख़्सियात भी शामिल हैं । नायब सदर हिंद इस दौरा का मक़सद दो क़दीम क़रीबी दोस्त ममालिक के माबैन ना सिर्फ बाहमी सनअती , तिजारती ताल्लुक़ात को फ़रोग़ देना है बल्कि ऐसे तमाम बैन-उल-अक़वामी उमूर पर जिन से दोनों मुल्कों के मुफ़ादात वाबस्ता हैं। बाहमी तआवुन में इज़ाफ़ा करना है। इस दौरा में बाहमी ताल्लुक़ात को एक नई जिहत देने पर तवज्जा मर्कूज़ की गई है । जनाब हामिद अंसारी तुर्की का ये दौरा एक ऐसे वक़्त कर रहे हैं जिस के एक माह बाद यानी नवंबर में इस मलिक के शहर इस्तंबोल में अफ़्ग़ानिस्तान पर कलीदी बैन-उल-अक़वामी कान्फ़्रैंसें मुनाक़िद होगी । जनाब हामिद अंसारी ने जंग ज़दा मुल़्क अफ़्ग़ानिस्तान में पैदा शूदा तसादुम के ख़ातमा केलिए तर्क क़ाइदीन से तबादला-ए-ख़्याल किया है । नवंबर में मुनाक़िद शुदणी कान्फ़्रैंस में अमरीका और यूरोप के सनअती तौर पर तरक़्क़ी याफ़ता दौलतमंद ममालिक अफ़्ग़ान मसला का हल तलाश करने पर अपनी तवज्जा मर्कूज़ करेंगे । 2003 -ए-में इस वक़्त के वज़ीर-ए-आज़म अटल बिहारी वाजपाई ने तुर्की का दौरा किया था जिस के बाद जनाब हामिद अंसारी के ज़ेर क़ियादत हिंदूस्तान के किसी आला सतही वफ़द का ये पहला दौरा तुर्की है।