जमीन बचाने के लिए किसानों ने खुद को गर्दन तक किया जमींदोज

जयपुर : जयपुर के नजदीक नींदड गांव के किसानों ने अपनी जमीन बचाने के लिए जमीन में दफन हो लिया। गांव के करीब 22 किसान जमीन में गड्ढे खोद कर उसमें बैठ गए है। किसानों का कहना है कि सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी तो गढ्ढों को मिट्टी से भर कर हम इन्हीं में समाधि ले लेंगे।

दरअसल गांव की 1350 बीघा जमीन सरकार ने अधिगृहित कर ली है और इस पर आवासीय योजना बनाया जाना प्रस्तावित है। उधर किसानों का कहना हैै कि किसानों की जमीन लेकर आवासीय योजना बनाना उचित नहीं है और अपनी जमीन बचाने के लिए वे कुछ भी करेंगे।

इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले संघर्ष समिति संयोजक नगेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार और जेडीए ने उनकी रोजी-रोटी का एकमात्र जरिया छीनने की ठान ली है।

सरकार के मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लागने के बाद भी बात नहीं सुनी गई तो खुद को (गर्दन तक) जमीन के भीतर गाड़ने की नौबत आई है।

पिछले 7 सालों से आवासीय योजना के चलते अपनी जमीनों को खोने के डर के बीच जी रहे किसानों के इस आंदोलन की शुरुआत सोमवार सुबह हुई। ऐसे 22 किसान-काश्तकार ने एक साथ जमीन में खोदे गड्ढों में बैठे गए। दिनभर किसी ने कुछ नहीं खाया।

संघर्ष समिति की माने तो आवासीय योजना के लिए भू-अवाप्ति को लेकर जेडीए और सरकार कोई निपटारा नहीं करती है तो यह सत्याग्रह यूं ही जारी रहेगा।