जम्मू: जम्मू कशमीर सरकार ने सोमवार के दिन विधान सभा में कश्मीर के स्थायी समाधान और सीमा तनाव के ख़ात मे के लिए हिन्दोस्तान और पाकिस्तान के बीच की बहाली की पर ज़ोर वकालत की।
सरकार ने वार्ता के मतलूबा सिलसिले में तमाम मुताल्लिक़ीन की शमूलीयत पर भी ज़ोर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष उमर अबदुल्लाह ने सरकार की इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि युद्धविराम समझौते को लागू करना बहुत महत्वपूर्ण है।
विधान सभा में मौजूद सत्तारूढ़ पार्टी पी डी पी और अप्पोज़ीशन पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के अधिकांश संसदीय मामलों के मंत्री अबदुर्रहमान वेरी और विपक्षी नेता उमर अब्दुल्ला के बयान पर मेज़ थपथपाते हुए नज़र आए।
अप्पोज़ीशन नेशनल कान्फ़्रेस और कांग्रेस ने सरकार से मांग किया था कि वो सीमा तनाव पर अपना बयान दें। सदन की कार्यवाही के दस मिनट तक देरी रहने के बाद अबदुर्रहमान वेरी ने सरकार का बयान पेश करते हुए कहा कि भारत-पाक के बीच वार्ता की बहाली की पर ज़ोर वकालत की।
उन्होंने सभी समस्याओं का एकमात्र समाधान के रूप में वार्ता की घोषणा की उन्होंने कहा कि इस मामले से पहले भी एक-बार ये मामला उस सदन में उठा गया था। हमने उस वक़्त भी कहा कि दो मुल्कों के तनाव से सबसे ज़्यादा प्रभावित जम्मू कशमीर की जनता होती है । हमारी स्थिति यह रही है कि शांति और सामंजस्य एकमात्र तरीका है।