जम्मू-कश्मीर: महबूबा सरकार की मुश्किलें बढ़ी, पीडीपी के सीनियर नेता ने दिया इस्तीफा

“तारिक कर्रा इस्तीफा देकर अलगाववादियों व कश्मीर की जनता के बीच खुल कर आ गए हैं। लोग उनका समर्थन कर रहे है। फरवरी 2015 में जब पीडीपी और भाजपा का गठजोड हुआ था, तभी भी तारिक अहमद कर्रा इसके खिलाफ थे। पर बाद में महबूबा मुफ्ती और दिवगंत मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उन्हें मना लिया था”
कश्मीर घाटी में हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से हालत बिगड़े हुए हैं। प्रदर्शनों का असर अब राज्य की राजनीति पर पड़ रहा है। आलम ये है कि घाटी के कई छोटे व ब्लाक स्तर के नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वो चाहे भाजपा हो या फिर पीडीपी और अन्य पार्टियां, जिनमें नेशनल काफ्रेंस व कांग्रेस भी शामिल है।
ये साफ संकेत है कि घाटी मे हालात और बिगड़ रहे हैं, साथ ही राजनीति से जुड़े लोगों की मुश्किलें भी बढ़ना शुरू हो गई है। अभी ताजा झटका गठबंधन को तब लगा है जब पीडीपी के संस्थापक सदस्य और पार्टी के सांसद तारिक अहमद कर्रा ने पार्टी और पद से इस्तीफा देकर सरकार और पार्टी को मुश्किल में डाल दिया।
पीडीपी और बीजेपी भले ही कहे कि तारिक के इस्तीफे से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा, पर सच तो ये है कि तारिक के इस्तीफे ने घाटी में पार्टियों के समीकरण बदल कर रख दिए हैं।