हुर्रियत लीडर सैयद अली शाह गिलानी ने कश्मीर पर मुतनाज़ा बयान देकर हिंदुस्तान की सियासत का पारा और बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा हैै कि कश्मीर मुतनाज़ा वाला इलाका है और यह हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं है. गिलानी से आज पाकिस्तान के सफीर ने मुलाकात भी की.
हुर्रियत लीडर और पाकिस्तानी सफीर के बीच हुई इस मुलाकात पर सीपीआई लीडर डी राजा ने सख्त ऐतराज़ दर्ज कराया है. उनका कहना है कि इस बाबत हुकूमत को जवाब तलब करना चाहिए. इसके अलावा जेडीयू, कांग्रेस ने भी इस मुलाकात पर ऐतराज़ जाहिर की है.
इस मुलाकात की इत्तेला देते हुए गिलानी ने कहा कि पाकिस्तानी सफीर ने दोनों मुल्कों के सेक्रेटरी ( खारेज़ा) की मुलाकात के बारे में उन्हें मालूमात दी. अलहैदगीपसंद लीडर गिलानी ने कहा कि हमेशा से ही कश्मीर मुद्दा सभी मुद्दों से ऊपर रहा है. इसका हल निकालना बेहद जरूरी है.
गिलानी का कहना था कि इस मुद्दे पर दोनों मुल्कों के बीच तकरीबन 150 बार बैठक हुई हैं, लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला. इन बैठकों में किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा गया. उन्होंने कहा कि चेहरे जरूर बदलते हैं, हाथ जरूर बदलते हैं, लेकिन हकीकत नहीं बदलती है. कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर फौज का राज है.
सहाफियों से बात करते हुए गिलानी ने बारामुला जेल से रिहा हुए लीडर मसर्रत आलम पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आलम के खिलाफ लगाए गए इल्ज़ाम झूठे हैं और उन्हें रिहा करना कोई बड़ी बात नहीं है. गिलानी ने कहा कि मसरत आलम को अदालत ने रिहा किया है.
इससे पहले भी वह कई बार जमानत पर बाहर आ चुके थे. अदालत उनके खिलाफ सभी एफआईआर खारिज कर चुकी है. इसलिए उनकी रिहाई कोई बड़ी बात नहीं है. उनके खिलाफ लगे इल्ज़ाम झूठे हैं, मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं.