जर्नलिस्ट जोगेंद्र सिंह के क़तल की सी बी आई तहकीकात की दरख़ास्त

ई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक जर्नलिस्ट को आग लगा देने और क़तल केस की सी बी आई तहकीकात के लिए एक अर्ज़ी पर मर्कज़ और हुकूमत उत्तरप्रदेश से जवाबतलब किया है जबकि इस केस में रियासती वज़ीर और दीगर 5 के ख़िलाफ़ एफ आई आर दर्ज किया गया ।

मफ़ाद-ए-आम्मा की एक दरख़ास्त जस्टिस एमवाय इक़बाल और जस्टिस अरदोन मिसरा पर मुश्तमिल डीविज़न बेंच ने मर्कज़ी विज़ारत-ए-दाख़िला और रियासती हुकूमत के अलावा प्रेस काउंसिल आफ़ इंडिया को नोटिस जारी करते हुए अंदरून 2 हफ़्ता जवाब तलब किया है।

दिल्ली के एक सहाफ़ी सतीश जैन ने सीनिय‌र वुकला उद्देश सी अग्रवाल और आर एंड सिंह के ज़रिये ये दरख़ास्त दाख़िल की थी जिस में जर्नलिस्ट जोगेंद्र सिंह के मौत की सी बी आई तहकीकात का इसरार किया गया है। बताया जाता है कि उत्तरप्रदेश के ज़िला सहार नुपूर के इलाक़ा सदर बाज़ार में पुलिस ओहदेदारों ने जोगेंद्र सिंह के मकान पर धावे के दौरान उन्हें आग लगादी।

बादअज़ां वो हॉस्पिटल में जांबर ना होसके। मुतवफ़्फ़ी के अरकाने ख़ानदान की इत्तेला के बमूजब एक‌ जून को दोपहर पुलिस और ग़ुंडों का एक ग्रुप मोटर कार में पहुंचा और शाहजहां पुर में वाक़्य उनके मकान में घुस आया और इब्तिदा-ए-में ये ग्रुप जोगेंद्र के साथ रियासती वज़ीर वर्मा के ख़िलाफ़ तहरीरों से बाज़ आ जाने पर बेहस-ओ-तकरार की।

जिस के बाद उन्हें नीचे गिराकर पेट्रोल डालकर आग लगादी। जर्नलिस्ट जोगेंद्र सिंह ने फेसबुक पर रियासती वज़ीर वर्मा की मुबय्यना गैरकानूनी कानकनी और आराज़ीयात पर क़ब्ज़ों को बेनकाब किया था जिस पर वर्मा बरहम थे।