नई दिल्ली ३० जनवरी (पी टी आई) ख़वातीन के हुक़ूक़ के लिए लड़ने वाली मक़बूल आम ख़ातून कारकुनों ने मर्कज़ को पेश करदा ला कमीशन की सिफ़ारिशात की मुख़ालिफ़त की है। जहेज़ के वाक़ियात से निमटने के लिए क़ानून के सख़्त तरीन दफ़आत को हज़फ़ करने की सिफ़ारिश की गई है।
ख़वातीन के हुक़ूक़ के लिए लड़ने वाली कारकुनों ने कहा कि जहेज़ के वाक़ियात से निमटने के लिए सख़्त क़वानीन को हज़फ़ करने से घरेलू तशद्दुद में इज़ाफ़ा होगा। इन कारकुनों ने ये भी निशानदेही की कि क़ानून को हटा लेने के बाद जहेज़ निज़ाम को बढ़ावा देने की हौसलाअफ़्ज़ाई होगी और जहेज़ अम्वात के केसों में भी इज़ाफ़ा होगा।
सी पी आई लीडर बृंदा कर्त ( Brinda Karat) ने कहा कि हम ने पार्लीमैंट में इस क़ानून को हज़फ़ करने की मुख़ालिफ़त की है इस के इलावा स्टैंडिंग कमेटी में भी एतराज़ किया गया है। अगर सिफ़ारिशात को मंज़ूर किया जाता है तो ख़वातीन पर दबाव बढ़ेगा कि वो अदालत के बाहर ही अपने मुआमलात से समझौता कर लें।
इससे घरेलू तशद्दुद में भी इज़ाफ़ा होगा। मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़ानून सलमान ख़ुरशीद को पेश करदा सिफ़ारिश में कमीशन ने कहा है कि जहेज़ के मुक़द्दमात को आसान बनाया जाना चाहीए। इस इक़दाम से मुल्ज़िम को सिर्फ जुर्माना अदा करके बच निकलने का मौक़ा मिलेगा। बृंदा कर्त (Brinda Karat) ने कहा कि मैं ये समझने से क़ासिर हूँ कि आख़िर क़ानून का ग़लत इस्तेमाल करने के लिए अवाम को खुली छूट क्यों दी जाती है।
जनरल सेक्रेटरी ऑल इंडिया वोमेंस एसोसीएसन सुधा सुंदर अमन ने कहा कि इस क़ानून को दरअसल मुनासिब तरीक़ा से रूबा अमल नहीं लाया जा रहा है।