गुजरात की एक अदालत ने आज ज़किया जाफरी की दरख़ास्त पर जिस में मज़ीद दस्तावेज़ात की फ़राहमी बिशमोल ( जिसमें) एस आई टी की जानिब से सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल कर्दा उबूरी रिपोर्ट की फ़राहमी का मुतालिबा किया था , अपना फ़ैसला 16 जुलाई तक महफ़ूज़ कर दिया ।
ये दरख़ास्त उन की शिकायत पर जो चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी और दीगर(अन्य)के ख़िलाफ़ 2002 के फ़सादाद में उनके किरदार के बारे में थी और एस आई टी की तहक़ीक़ात से मुताल्लिक़ थी ।