नई दिल्ली: हुकूमत ने एक नेटवर्क प्रोजेक्ट का आग़ाज़ किया है ताकि तमाम ज़ेर-ए-इलतेवा मुक़द्दमात का डाटा तैयार करके उनकी आजलाना यकसूई को यक़ीनी बनाया जाये और एक सिंगल प्वाईंट पर मुक़द्दमा दस्तियाब रहे। अदालतों में इन मुक़द्दमात की यकसूई में ताख़ीर को रोकने के लिए ये कोशिश की जा रही है।
वज़ारत क़ानून ने फ़ैसला किया है कि एक डाटा तैयार किया जाये जो मुक़द्दमा ज़ेर-ए-इलतेवा हैं उन्हें मर्कज़ीयत देकर इन मुक़द्दमात की फ़ौरी यकसूई की जाये जिसमें हुकूमत ख़ुद एक फ़रीक़ की हैसियत से शामिल है। लीगल इन्फ़ार्मेशन मेनिजमंट ऐंड ब्रीफिंग सिस्टम को वज़ारत क़ानून ने मुतआरिफ़ करवाया है।
इस सिस्टम के ज़रिये मुख़्तलिफ़ अदालतों और ट्रब्यूनलस में ज़ेर-ए-इलतेवा मुक़द्दमात का पता चलाकर उनकी ज़मुरा बंदी की जाएगी और मुख़्तलिफ़ महिकमों को हिदायत दी जाएगी कि वो मुताल्लिक़ा ओहदेदारों से कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा। इस सिस्टम के ज़रिये ऐस ऐम एस के साथ ओहदेदारों को याद दिलाया जाएगा और ख़ास केसों की समाअत के लिए मुक़र्ररा तारीख़ से अलर्ट जारी किया जाएगा|