जामाता उल मोमिनात मुग़ल पूरा के ज़ेर एहतिमाम साल 2013 का कैलिंडर की रस्म इजरा मौलाना मुहम्मद हुस्न
के हाथों अमल में आया । 
इस मौके पर हाफ़िज़ मुहम्मद मस्तान अली कादरी बानी-ओ-नाज़िम आली ने बतलाया कि ये कैलिंडर ईसवी लिहाज़ से तवारीख़ के अलावा हिज्री तवारीख़ मआ आरास-ओ-मालूमात पर मुश्तमिल है ।
हाफ़िज़ मुहम्मद साबिर पाशाह कादरी ने बतलाया कि मौजूदा पर अशोब दौर की बुराई के तदारुक के लिए नई नसल को हमारे इस्लाफ़-ओ-बुज़ुर्गान दीन के अक़्वाले ज़रीन को शामिल किया गया है यक़ीनन क़ाबिल दीदा है ।।
