जामियातुल हरमैन शरीफ़ैन बुख़ारी-ओ-सही मुस्लिम के हिफ़्ज़ का कारनामा

जामियातुल हरमैन शरीफ़ैन शहर हैदराबाद में पिछ्ले तीन साल की क़लील मुद्दत में अरबी ज़बान-ओ-इस्लामी उलूम खास तौर पर सही बुख़ारी-ओ-सही मुस्लिम के हिफ़्ज़ के कारनामों के ज़रिये ना सिर्फ़ हिंदुस्तान बल्कि इस्लामी दुनिया में नै मिसाल बन गई है।

जिसके निसाबे तालीम और तरीके तालीम और नताइज से हिंदुस्तान के अलावा अरब के उल्मा हैरान हैं और जामिया के आला मेआर और नताइज को दुसरे उल्मा-ओ-इदारों के सामने बहैसियत नमूना पेश कररहे हैं और बैन उल-अक़वामी कांफ्रेंसों में अरबी ज़बान और उलूम क़ुरआन के निसाबे तालीम को ना सिर्फ़ सराहा गया बल्कि क़ाबिल तक़लीद और मिसाली क़रार दिया गया उलूम क़ुरआन के निसाब हाय तालीम को ना सिर्फ़ सराहा गया।

जिस का असर हाफ़िज़ीन बुख़ारी-ओ-मुस्लिम की ज़िन्दगियों में वाज़िह तौर पर अयाँ है जामिया की पिछ्ले तीन साला कारकर्दगी में माहिरीन तालीम का ख़्याल है के जामिया हिंदुस्तान में पिछ्ले एक हज़ार साल से राइज निसाब तालीम- ओ‍ तरीके तालीम के मैदानों में ग़ैरमामूली इन्क़िलाब पैदा कररही है।

जो अरबी ज़बान-ओ-इस्लामी उलूम की निशात सानिया का बाइस होगी। बानी जामिआ प्रोफेसर मौलाना सयद जहांगीर और इंतेज़ामिया ने शहर के हमदरदान मिल्लत से अपील करते हैं के जामिया जो उस वक़्त लाखों की मक़रूज़ है। अपनी इमदाद से जामिआ की ग़ैरमामूली तालीमी सरगर्मियों को मुस्तहकम फ़रमाएं।
अपने तआवुन के लिये इन नंबरात 9246545814 यह 27072186 पर इत्तिला दें ।।