जावेद मियां दादा का भांजा होना ग़लती है क्या?: फ़ैसल इक़बाल

पाकिस्तानी क्रिकेट टीम से ख़ारिज होने वाले दो बैटस्मैनों ओपनर तौफ़ीक़ उमर और मिडल आर्डर बैटस्मैन फ़ैसल इक़बाल ने स्लैक्शन कमेटी के फ़ैसले पर सवालात उठाए हैं।

तौफ़ीक़ उमर ने कहा कि वो सेंट्रल कंट्रैक्ट ना मिलने और टीम से ख़ारिज होने पर दिलबर्दाशता और मायूस हैं। लेकिन पाकिस्तान टीम में वापिस ज़रूर आएंगे। फ़ैसल इक़बाल ने सवाल किया है कि डोमेस्टिक की अच्छी कारकर्दगी की बावजूद सिर्फ़ उन्हें क्यों ख़ारिज किया जाता है और कौन लोग हैं जो उन्हें टीम में नहीं देखना चाहते।

तौफ़ीक़ उमर ने पाकिस्तान की जानिब से 44 और फ़ैसल इक़बाल ने 26 टेस्ट खेले हैं। दोनों खिलाड़ियों की इल्ज़ाम तराशी ने पी सी बी की ग़ैर जांबदारी को ग़ैर यक़ीनी बनादिया है।बाएं हाथ के ओपनर ने कहा कि मुझे टीम से ख़ारिज करके आज तक नहीं बताया गया कि मुझे क्यों शामिल नहीं किया गया।

में मेहनत कररहा हूँ और पुरउम्मीद हूँ कि टीम में वापिस आऊँगा।कोच वक़ार यूनुस से भी मेरी बात हुई है और बाक़ायदगी से क़ौमी अकैडमी में ट्रेनिंग कररहा हूँ। फ़ैसल इक़बाल ने कहा कि तीसरी मर्तबा वापसी करने के बावजूद मुझे बगै़र खिलाए टीम से बाहर कर दिया गया।

में पाकिस्तान के निज़ाम पर तन्क़ीद नहीं करूंगा बल्कि अपने बाहर होने की वजह जानना चाहता हूँ क्यों कि में मुसलसल डोमेस्टिक क्रिकेट में कारकर्दगी दिखा रहा हूँ।मुझे इस साज़िश की वजह बताई जाये कि क्या में इस लिए तो टीम से बाहर नहीं हूँ कि में जावेद मियां दाद का भांजा हूँ।

इन सवालात के जवाब ना मिलने से में झुंझलाहट का शिकार हूँ। मुझे इलम है कि में साज़िश का शिकार हूँ पहले टीम से बाहर किया गया अब सेंट्रल कंट्रैक्ट की फ़हरिस्त में भी जगह ना मिल सकी|