एक खातून की जासूसी कराने के मामले की जांच के लिए तश्कील कमीशन टेलीकॉम फराहम करने वाली कंपनियों के किरदार की भी पड़ताल करेगा। कमीशन पता लगाएगा कि गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के इशारे पर रियासत में खातून की जासूसी कराने में टेलीकॉम कंपनियों ने मौजूदा कानून की खिलाफवर्जी तो नहीं की।
जांच कमीशन के हवाले की शर्तों के मुताबिक, कमीशन इस बात की जांच करेगा कि खातून के टेलीफोन के इंटरसेप्ट और निगरानी के दौरान टेलीकॉम कंपनियों ने अपने लाइसेंस की शर्तों, नियमों और कानून का अमल किया या नहीं।
साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि खातून की जासूसी अगस्त-सितंबर 2009 के दौरान ही हुई या फिर आगे भी की गई। इसके साथ ही कमीशन हिमाचल प्रदेश में गैरकानूनी ढंग से वीरभद्र सिंह और दिल्ली में अरुण जेटली पर जासूसी के मामलों की भी जांच करेगा।