जीजा और दोस्तों ने की इजतिमाई इस्मतरेज़ि की कोशिश

नाबालिग के साथ जीजा और उसके दोस्तों ने इजतेमाई आबरूरेज़ि की कोशिश की। वाकिया 13 फरवरी की सुबह साढ़े दस बजे की है। इस दौरान मुल्ज़िम जीजा और उसके दोस्तों ने कत्ल करने की नियत से बोतल और भुजाली से जिश्म पर हमला किया। नाबालिग के जिस्म में जख्म के कई निशान हैं। उसके हाथ और पेट में भुजाली से संगीन चोट आयी है। इतवार को रिम्स में बरियातू पुलिस के सामने नाबालिग ने पूरी कहानी बयान की है।

क्या है वाकिया

गोमिया की नाबालिग लड़की 13 फरवरी को अपने घर में काम निपटा रही थी। इतने में बड़ी बहन की सास रसीम खातुन और ननद सोनिया रजिया आयीं और उसे अपने साथ आने को कहा। उसे दोनों ने एक मजहबी मुकाम के पास वाक़ेय कमरे में ले गईं। वहां उसका जीजा सगीर अंसारी, जीजा का भाई और चार दीगर लोग आ गए। इनकी शिनाख्त नाबालिग ने बहनवई सगीर अंसारी के अलावा मुईज, हाकिम, तालबि, आकबि और सरताज अंसारी के तौर में की है।

सबने कमरे में नाबालिग के साथ इस्मतरेज़ि की कोशिश की। बचाव के लिए जब नाबालिग ने शोर मचाया तो तमाम ने उसपर हमला कर दिया। नाबालिग ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि मुलजिमान ने चाकू निकालकर पेट में घोपना चाहा। उसने हाथ से रोक लिया, मगर वे लोग हाथ और कमर में चाकू घोंपकर भाग निकले।

स्कूल से कट जाएगा नाम

छह भाई-बहन में मज़लूमा चौथे नंबर पर है और क्लास पांचवी तक पढ़ी है। कहती है कि अभी वह झीकरी मदरसा शरीक ऊर्दू स्कूल में पढ़ रही है। जो लड़की चार-पांच दिन तक स्कूल नहीं जाती, उसका नाम कट जाता है। मेरा भी नाम कट जाएगा।

मज़लूमा से पूछने पर कि वह कितने दिनों में ठीक होगी, कहती हैं कि डॉक्टर की ज़ुबान नहीं समझ आती है। वह क्या बोलते हैं, नहीं पता। इतना पता है कि मेरा इलाज अच्छा हो रहा है। कल टेस्ट होगा, तभी कुछ पता चल पाएगा।

कहां से देंगे थाना को पैसे मकतुला की वालिदा कहती हैं कि आठ मेंबरों के खानदान में एक आदमी कमाता है। केस और थाना के चक्कर में कहां से पैसे लाएंगे। मकतुला के वालिद चाय-पकौड़े की दुकान के साथ पंचर बनाने का भी काम करते हैं। कमाई इतनी होती है कि किसी तरह खानदान का खर्च चल पाता है। जख्म जरूर मिले, मगर हौसले मजबूत हैं घर अपना है, इसे छोड़कर कहां जाएंगे? हां वो लोग पैसे वाले हैं। पता है कि पुलिस हमारी नहीं सुनेगी। यह कहना है 17 साल की मकतुला की।

रिम्स में भर्ती मज़लूमा कहती है कि बड़ी बहन से शादी करने के बाद भी जीजा बहन को नहीं ले जाते। उनका एक सात साल का बेटा भी है। जब हमलोगों ने बहन को ले जाने का दबाव बनाया, तो दुश्मनी निकालने के चलते जीजा और उनके खानदान के लोगों ने मेरे साथ ऐसा किया।