वजीरे आला जीतन राम मांझी ने कहा कि तरक़्क़ी एक ताला है और सियासत उसकी चाबी। इसलिए महादलित, दलित, आदिवासी, पसमानदा-इंतेहाई पसमानदा और अक़लियत राजनीति पर कब्जा करें, तभी उनका तरक़्क़ी होगा। उन्होने कहा कि अब 50 लाख तक की ठेकेदारी में रिज़र्वेशन लागू होगा। वे इतवार को तारापुर के आरएसके मैदान में मुनक्कीद किसान-मजदूर कोन्फ्रेंस को खिताब कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जात-पांत, अमीरी-गरीबी ने गरीबों का हाल बुरा किया है। गरीबों के नाम पर हजारों-करोड़ की मंसूबे चल रही हैं। लेकिन, हाल यह है कि अमीर-अमीर हो रहे और गरीब-गरीब ही होते जा रहे। जिस तरह बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को खा जाती हैं, उसी तरह अमीर गरीब को खा रहा है। जरूरत है गरीबों को मुत्तहिद होने की, तभी उनका फाइदा होगा। जब तक हम बेदार नहीं होंगे, तब तक हमारा इस्तेहाल होता रहेगा। वजीरे आला ने जयप्रकाश नारायण के लफ्जो में कहते हुए कहा, ‘सच कहना अगर बगावत है, तो समझो हम भी बागी हैं’ इसलिए समाज के मरहूम तबके को सियासत पर कब्जा करना होगा।
मजहब के नाम पर फैलाया जा रहा माया जाल
वजीरे आला ने बिना पार्टी के नाम लिये ही कहा कि मजहब के नाम पर माया जाल फैलाया जा रहा है। जोर-शोर से यह इश्तेहार किया जा रहा कि मुल्क में हिंदू राज आया है। लेकिन हमारा कानून इसकी कतई इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा कि इस मामले का वजीरे आजम की तरफ से नकारा भी नहीं किया जा रहा और वे चुप्पी साधे हैं जो खतरनाक सुरते हाल है।
तकरीब को रियासत के शहर तरक़्क़ी वज़ीर सम्राट चौधरी, साबिक़ वज़ीर शकुनी चौधरी और अर्जुन मंडल, एमएलए नीता चौधरी, अनंत कुमार सत्यार्थी, विधान पार्षद संजय प्रसाद सिंह, साबिक़ एमएलए पार्वती देवी ने अहम तौर से खिताब किया। तकरीब की सदारत साबिक़ एमएलए गणोश पासवान ने की, जबकि एहतेताम प्रो आरके चौधरी कर रहे थे।