जीता एतमाद, कहा अवामी रुझान बिहार के तरक्की का

पटना 20 जून : एनडीए से अलग होने के तीसरे दिन बुध को नीतीश कुमार के कियादत वाली जदयू की हुकूमत ने असेंबली में एतमाद वोट हासिल किया। इसके साथ ही बिहार में नये सियासी इत्तेहाद का इशारा भी दिखा। एतमाद वोट पर बहस के दौरान भाजपा जहां वाक आउट कर गयी, वहीं जदयू को कांग्रेस और भाकपा का साथ मिला। वजीर ए आला ने नरेंद्र मोदी का नाम लिये बगैर भाजपा को खरी-खरी सुनायी। उधर, दोनों एवानों में भाजपा अहम ओपोजिशन पार्टी बन गयी है, लेकिन लीडर के ओहदे को लेकर कुछ लीडर नाराज दिख रहे हैं।

हुकूमत के हक में 126 वोट और मुखालिफ में 24 वोट पड़े। 243 रुकनी बिहार असेंबली में स्पीकर को छोड़ कर नीतीश हुकूमत के हक में पड़े 126 वोटों में जदयू के 117, कांग्रेस के चार, भाकपा के एक और चार आज़ाद असेंबली रुक्न ने वोटिंग किया।

राजद के 22 और दो आज़ाद असेंबली रुक्न (ज्योति रश्मि और दिलीप वर्मा) ने मुखालफत में वोटिंग किया। पवन कुमार जायसवाल, सोमप्रकाश सिंह, दुलालचंद गोस्वामी और विनय बिहारी ने हक में वोटिंग किया। भाजपा के 91 और लोजपा के वाहिद असेंबली रुक्न (जाकिर हुसैन) ने एवान से वाक आउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। दोनों जमातों के असेंबली रुक्न के वाकआउट करने पर एवान में अरकान की कुल तादाद 150 रह गयी थी।

तीन घंटे तक बहस के बाद वोट

एतमाद वोट पर तकरीबन तीन घंटों की बहस के बाद स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने जब अरकान से इसके हक और मुखालिफ में राय जाननी चाही तो ‘हां’और ‘ना’ दोनों में जवाब मिला। हुक्मरान जमात की तरफ से विजय चौधरी के दरख्वास्त के बाद सदर ने वोटिंग कराये जाने का एलान किया।

अपने तकरीर में नीतीश ने नरेंद्र मोदी मोदी का नाम लिये बिना कहा कि बीजेपी में किसी के नाम की जो लहर बनी है, जल्द ही सपना उनका टूटने जा रहा है, क्योंकि बिना इत्तेहाद के बीजेपी हुकूमत नहीं बना सकती। उन्होंने अपनी हुकूमत के हक में वोट करने के लिए कांग्रेस का शुक्रिया अदा किया, लेकिन बाद में यह भी साफ कर दिया कि फिलहाल जेडीयू कांग्रेस से हाथ मिलाने नहीं जा रही है। कांग्रेस के तर्जुमान पीसी चाको ने दिल्ली में कहा कि फिरका वाराना ताकतों को नाकाम करने के लिए एतमाद वोट में बिहार की नीतीश हुकूमत की हिमायत की गयी है।

भाजपा में एहतेजाज की आवाज

उधर, बुध सुबह हुई भाजपा असेंबली दल की बैठक में पार्टी के छह असेंबली रुक्न नहीं शामिल हुए। बताया जाता है कि ये तमाम असेंबली रुक्न नंदकिशोर यादव को असेंबली दल का लीडर बनाये जाने से नाराज हैं।