नई दिल्ली: जेएनयू के स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया की गिरफ़्तारी के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसएआर गिलानी के ख़िलाफ़ भी राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज किया गया है. जहां एक तरफ़ सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कुमार की गिरफ़्तारी को लेफ़्ट ने इमरजेंसी जैसे हालात बताया था वहीँ इस गिलानी पे कार्यवाही होने से तल्खी और तेज़ होने के आसार हैं.
पूरी जेएनयू इस मुआमले पर कन्हैया कुमार के पक्ष में दिखाई दे रही है जो 9 फ़रवरी के हंगामे के वक़्त उस प्रोग्राम में शामिल ही नहीं थे, उनकी कार्यवाही को बीजेपी और ABVP की बदला लेने की कार्यवाही और साथ ही हर उठने वाली आवाज़ को दबाने की कोशिश बताते हुए जेएनयू के स्टूडेंट्स ने साज़िश की संज्ञा दी.
मीडिया के रवैय्ये की आलोचना करते हुए जेएनयू स्टूडेंट्स ने कहा कि जिन लोगों ने देश के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की वो ना तो जेएनयू स्टूडेंट्स थे ना ही लेफ़्ट के सदस्य, ये साज़िश की तरह है.लेफ़्ट के लीडर डी राजा और सीताराम येचुरी ने इसकी सख्त मज़म्मत की.