अमरीकी रियासत जोर्जिया में 70 बरस के वक़्फ़े के बाद पहली बार किसी फ़र्द की सज़ा-ए-मौत पर अमल दरआमद किया गया है। 47 साला मजरमा कीली जज़ीनडीनर को सज़ा ना देने के लिए पोप फ्रांसिस की अपील समेत मुतअद्दिद अपीलें सामने आएं लेकिन इस के बावजूद उन्हें सज़ा-ए-मौत दे दी गई।
मजरमा पर अपने शौहर के क़त्ल की मंसूबा बंदी का जुर्म साबित हुआ था। कीली के साबिक़ महबूब ग्रेगरी वोन ने उनके शौहर डगलस जज़ीनडीनर को क़त्ल किया था लेकिन दौराने तफ़तीश एतराफे जुर्म के बाद उन्हें उम्रकैद की सज़ा दी गई है।
हाल ही में अमरीका का दौरा करने वाले पोप फ्रांसिस ने कीली जज़ीनडीनर के केस से मुंसलिक हुक्काम से उनकी सज़ा-ए-मौत पर नज़रे सानी करने पर ज़ोर दिया था लेकिन मंगल की दोपहर को हुक्काम ने ऐलान किया कि वो कीली पर रहम नहीं करेंगे।