झारखंड के एमपी पर नक्सली खतरा

झारखंड समेत मुल्क के तमाम नक्सल मुतासीर रियासतों में एमपी की हिफाजत को खतरा है। मरकज़ी हुकूमत ने इस सिलसिले में मुतल्लिक़ रियासतों के चीफ़ सेक्रेटरी को आगाह किया है। साथ ही हिदायत दिया है कि नक्सल मुतासीर इलाकों से आने वाले एमपी की हिफाजत की फिर से तजवीज की जाए। जिन एमपी को नक्सली धमकी मिल चुकी है, उसे संजीदगी से लेते हुए मुनासिब सेक्युर्टी दी जाए।

कबीले ज़िक्र है कि मरकज़ी सेक्युर्टी एजेंसियों ने भी अपने सतह से एमपी को वामपंथी उग्रवाद से होने वाले खतरे की तजवीज की है। इसमें जरूरी सेक्युर्टी निज़ाम दस्तयाब कराने की बात कही है। इसके बाद मरकज़ ने नक्सल मुतासीर रियासतों को खत लिखकर हिदायत दिया है।

पुलिस आॅपरेशन से बौखलाए हुए हैं नक्सली

पुलिस मुलाज़िम और सेक्युर्टी फोर्स के खुसुसि मुहिम में माओवादियों के कई बड़े लीडर मारे गए हैं। नक्सली तंजीमो को काफी नुकसान पहुंचाया गया है। इससे नक्सली बौखलाए हुए हैं। हाल में मरकज़ी सेक्युर्टी एजेंसियों को माओवादियों का एक दस्तावेज हाथ लगा है। इसमें माओवादियों के मिलिट्री दस्ते की तरफ से अवामी नुमाइंदों को नुकसान पहुंचाए जाने का जिक्र है।

साबिक़ में निशाना बना चुके हैं माओवादी

मरकज़ी हुकूमत की तरफ से लिखे गए खत में कहा गया है कि साबिक़ में माओवादी अवामी नुमाइंदों और अहम लीडरों को निशाना बना चुके हैं। कुछ मामलों में तो वे कामयाब भी हो चुके हैं। उनके हमले में लैंड माइंस का इस्तेमाल किया जाता रहा है।

रियासत के 22 जिले नक्सल मुतासीर

झारखंड के कुल 24 में से 22 जिले नक्सल मुतासीर हैं। इनमें से 18 से 20 जिले इंतेहाई हेसास हैं। रियासत में भाकपा माओवादियों के अलावा पीएलएफआई, टीपीसी, जेपीसी, जेजेएमपी समेत दर्जनों छोटे नक्सली तंजीम हैं। इन तंजीमो के नक्सली हर दिन रियासत के मुखतलिफ़ हिस्सों में कत्ल, इशमतरेज़ि, लेवी वसूली, मारपीट समेत दीगर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

मुखालिफत करने पर गाँव वाले पर इस्तेहाल कर रहे हैं। इधर, झारखंड के 12 एमपी ऐसे हैं, जो नक्सल मुतासीर इलाकों से आते हैं। इनमें पलामू, चतरा, गिरिडीह, कोडरमा, हजारीबाग, धनबाद, दुमका, लोहरदगा, जमशेदपुर, सिंहभूम, रांची व खूंटी के एमपी शामिल हैं।