अदारा शरीया झारखंड के नाज़िम आला मौलाना मोहम्मद कुतूबुद्दीन रिजवी की कियादत में काँग्रेस के तमाम आला कमान को जोरदार मेमोरेंडम देकर मुताल्बा किया है के इस वक़्त रियासत झारखंड में 14 लोक सभा और 6 राज्यसभा में से मुसलमानों की नुमायन्दगी सिफर है। जिसकी वजह से यहाँ की मुस्लिम अक़लियत मुसलसल पसमांदगी की तरफ जा रही है और तकरीबन 70 लाख मुस्लिम आबादी को अब ये एहसास हो रहा है के मुसलमानों को हक़ देने की जब बात आई है या वक़्त आता है तो काँग्रेस जेएमएम और आरजेडी मुस्लिम अक़लियत को नज़र अंदाज़ कर देते हैं मगर तबका अब बेदार हो रहा है। अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहा है और हक़ की बाजयाबी के लिए सदायीन बुलंद कर रहा है, नुमाइंदा वफद ने कहा है के काँग्रेस के पास ये अच्छा वक़्त है के झारखंड कोटे से राज्यसभा के लिए किसी मुखलिस, मेहनती और मक़बूल सख्स को मुस्लिम तबका से उम्मीदवार बना कर जीत को यक़ीनी बनाते हुये कुछ करके दिखाये।
इस मामले में आरजेडी, जेएमएम, जेवीएम, एजेएसयू आज़ाद मेंबरान एसेम्बली को भी चाहिए के जिस तरह मुसलमान हर एक तबका की नुमायंदगी और तरक़्क़ी के लिए आवाजें बुलंद करता रहा है इसी तरह मुसलमानों की राज्यसभा में नुमायंदगी को यक़ीनी बनाए नुमाइंदा वफद में नजीमे आला मौलाना कुतूबुद्दीन रिजवी के इलावा मौलाना शौकत अली, मौलाना नसरुल्लाह, मौलाना अशरफुल्लाह फायजी, मोबिन अहमद, प्रोफेसर इरशाद अहमद, अल्लामा आसिफ एकबाल, मोहम्मद इम्तियाज़ अहमद वगैरह शामिल थे।